ASI संदीप आत्महत्या मामले में नया मोड़, IPS पूरन की पत्नी, विधायक समेत 4 के खिलाफ FIR दर्ज
Rohtak ASI suicide Case : रोहतक में साइबर सेल में तैनात ASI संदीप लाठर की आत्महत्या मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों की शिकायत पर IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार, विधायक अमन रतन और एक गनमैन के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. परिवार का आरोप है कि संदीप पर मानसिक दबाव बनाया गया था. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और मुख्यमंत्री के OSD ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है.

Rohtak ASI suicide Case : हरियाणा के रोहतक जिले में साइबर सेल में तैनात एएसआई (ASI) संदीप लाठर की आत्महत्या का मामला अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है. इस संवेदनशील मामले में अब हाई-प्रोफाइल नामों की एंट्री ने पूरे प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अब मामला दर्ज कर लिया है, जिसमें एक IAS अधिकारी, एक विधायक और पूर्व IPS अधिकारी के गनमैन को आरोपी बनाया गया है.
IAS, विधायक और गनमैन पर गंभीर आरोप
परिवार की मांग और पुलिस की कार्रवाई
संदीप के परिजनों ने आत्महत्या के बाद से ही न्याय की मांग की थी. उनका कहना था कि अंतिम संस्कार तभी किया जाएगा जब दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा. परिजनों के इस रुख के बाद मामला और अधिक संवेदनशील हो गया और प्रशासनिक अधिकारियों को गांव तक पहुंचना पड़ा. रोहतक पुलिस ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सदर थाने में मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है. अब पुलिस आरोपियों से पूछताछ की तैयारी में जुट गई है, ताकि आत्महत्या के पीछे के कारणों की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके.
मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा मामला
मामले की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के OSD (Officer on Special Duty) वीरेन्द्र सिंह बढ़खालसा खुद संदीप लाठर के गांव लाढ़ौत पहुंचे और शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की. उन्होंने परिवार को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है. इस मुलाकात से यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच पर सीधा नजर रख रही है.
प्रशासन में मचा हड़कंप, आगे की जांच पर निगाहें
एफआईआर में जिन नामों का उल्लेख है, वे सभी किसी न किसी रूप में सत्ता, प्रशासन या राजनीतिक ताकत से जुड़े हुए हैं. ऐसे में मामला अब केवल एक आत्महत्या का नहीं रह गया, बल्कि एक व्यापक प्रशासनिक और राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है. हरियाणा पुलिस पर अब निष्पक्ष और तेज़ जांच का दबाव है. जनता, मीडिया और राजनीतिक दलों की निगाहें इस मामले में आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं.
एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या केवल व्यक्तिगत पीड़ा की कहानी नहीं रह गई, बल्कि अब यह हरियाणा के सत्ता और तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही की परीक्षा बन चुकी है. FIR दर्ज होने के बाद जांच की दिशा तय करेगी कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा या नहीं.


