छांगुर बाबा के खिलाफ ATS की चार्जशीट, धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग पर बड़ा खुलासा
Changur Baba: पिछले साल एसटीएफ ने छांगुर के काले कारनामों की गहरी छानबीन की और पुख्ता सबूत जुटाए. इसके बाद एटीएस ने छांगुर, उसके बेटे महबूब, नवीन रोहरा, नवीन की पत्नी नीतू उर्फ परवीन, सबरोज, सहाबुद्दीन समेत कईयों के खिलाफ FIR दर्ज की. छांगुर की गिरफ्तारी के बाद सिलसिलेवार ढंग से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जो हर किसी को हैरान कर रहे हैं.

Changur Baba: उत्तर प्रदेश एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के मामले में एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके करीबियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. यह गिरोह लखनऊ से मुंबई तक फैले नेटवर्क के जरिए बड़े पैमाने पर लोगों का जबरन धर्मांतरण करवा रहा था. विदेशी फंडिंग के माध्यम से करोड़ों रुपये का लेन-देन सामने आया है जिसे आरोपी अपने निजी खातों में प्रयोग कर रहे थे. चार्जशीट में छांगुर बाबा के करीबी नीतू उर्फ परवीन और उसके पति नवीन रोहरा सहित छह आरोपियों के नाम दर्ज किए गए हैं. इतना ही नहीं, बलरामपुर जिला कोर्ट में कार्यरत कर्मचारी राजेश उपाध्याय का नाम भी इस मामले में शामिल किया गया है जिससे पूरे नेटवर्क की गंभीरता और गहराई का अंदाजा लगाया जा सकता है.
देशभर में फैला छांगुर का धर्मांतरण नेटवर्क
एटीएस की जांच में सामने आया है कि जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का नेटवर्क लखनऊ से मुंबई तक फैला हुआ था और इसके तार विदेशों तक जुड़े थे. पाकिस्तान, दुबई, कनाडा, नेपाल और सऊदी अरब से फंडिंग प्राप्त कर यह गिरोह भारत में धर्मांतरण के धंधे को अंजाम दे रहा था. गिरोह के पास मौजूद दस्तावेजों से पता चला है कि करीब 300 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति खड़ी की गई थी.
ED ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति
ईडी ने भी छांगुर, नीतू और नवीन रोहरा की कई संपत्तियों को पहचान कर जब्त कर लिया है. इन संपत्तियों को अवैध धर्मांतरण के जरिए प्राप्त विदेशी फंडिंग से खरीदा गया था. जांच एजेंसियों ने इन लेन-देन से जुड़े बैंक खातों, प्रॉपर्टी डील और अन्य दस्तावेज जब्त कर विस्तृत जांच की है.
चार्जशीट में दर्ज हैं ये नाम
एटीएस ने जिन छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, उनमें प्रमुख हैं:-
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर, महबूब (छांगुर का बेटा), नीतू उर्फ परवीन (मुख्य सहयोगी), नवीन रोहरा (नीतू का पति), सबरोज, सहाबुद्दीन, राजेश उपाध्याय (बलरामपुर कोर्ट का कर्मचारी)
इसके अलावा तीन और आरोपी अभी फरार हैं जिनकी तलाश जारी है. एटीएस ने जल्द ही अन्य लोगों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी की है. जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि छांगुर के गिरोह से देशभर में 3000 से अधिक लोग किसी न किसी रूप में जुड़े थे जिनमें 400 से अधिक लोग ऐसे थे जो पूर्णकालिक रूप से इस नेटवर्क के लिए काम कर रहे थे. ये लोग धर्मांतरण की प्रक्रिया को चलाया करते थे लोगों को फुसलाने और फंडिंग के ट्रांजैक्शन्स को मैनेज करने का काम करते थे.
सरकार की सख्ती
राज्य सरकार ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए एटीएस, ईडी, बलरामपुर पुलिस और प्रशासन से प्रतिदिन जांच की प्रगति रिपोर्ट मांगी है. मुख्यमंत्री कार्यालय खुद इस केस की निगरानी कर रहा है. एटीएस और एसटीएफ को विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.


