बिहार विधानसभा चुनाव से पहले RJD में बड़ा बदलाव, मंगनी लाल मंडल बन सकते हैं नए प्रदेश अध्यक्ष, दाखिल किया नामांकन
मंगनी लाल मंडल ने बिहार आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, जिसमें तेजस्वी यादव, लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती का समर्थन रहा. वे 19 जून को औपचारिक रूप से अध्यक्ष बनेंगे. मंडल अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हैं और जगदानंद सिंह की जगह लेंगे. उनका लंबा राजनीतिक अनुभव आरजेडी की चुनावी ताकत बढ़ाएगा.

विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. मंगनी लाल मंडल ने शनिवार 14 जून को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. दोनों नेता एक ही वाहन में सवार होकर पार्टी कार्यालय पहुंचे, जिससे यह संदेश गया कि पार्टी इस फैसले पर पूरी तरह एकमत है.
नामांकन के समय आरजेडी के संस्थापक लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी उपस्थित रहीं. इससे यह स्पष्ट हो गया कि मंगनी लाल मंडल को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का पूरा समर्थन प्राप्त है.
19 जून को होगी अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा
मंगनी लाल मंडल का प्रदेश अध्यक्ष बनना अब लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि उनके अलावा किसी और उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया है. आरजेडी कार्यालय में राज्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. तनवीर हसन की उपस्थिति में उन्होंने नामांकन-पत्र जमा किया. पार्टी सूत्रों के अनुसार, 19 जून को पटना के ज्ञान भवन में आरजेडी राज्य परिषद की बैठक के दौरान उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी.
अत्यंत पिछड़ा वर्ग को साधने की रणनीति
आरजेडी के इस निर्णय को सामाजिक समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है. मंगनी लाल मंडल अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं, जिसकी बिहार की जनसंख्या में करीब 36 फीसदी भागीदारी है. पार्टी ने इस वर्ग को साधने और अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यह रणनीतिक दांव चला है. मौजूदा राजनीतिक समीकरणों में EBC मतदाता वर्ग काफी निर्णायक भूमिका निभा सकता है, खासकर तब जब अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
जगदानंद सिंह की जगह लेंगे कमान
76 वर्षीय मंगनी लाल मंडल आरजेडी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की जगह लेंगे. जगदानंद सिंह ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व के दौरान कुछ मुद्दों को लेकर नाराजगी जताई थी, जिससे पार्टी में आंतरिक कलह की खबरें आईं थीं. नए नेतृत्व के साथ आरजेडी अब फिर से एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है.
लंबा राजनीतिक अनुभव
मंडल का राजनीतिक करियर लंबा और विविध रहा है. 1986 से 2004 तक वे बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे और इस दौरान राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने. 2004 से 2009 के बीच वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे. हालांकि कुछ समय तक वे जनता दल (यूनाइटेड) में रहे, लेकिन जनवरी 2024 में उन्होंने जेडीयू छोड़कर दोबारा आरजेडी की सदस्यता ग्रहण की.


