PhonePe, Google Pay, Paytm यूजर्स के लिए खुशखबरी! अब पहले से तेज हो जाएगा ट्रांजैक्शन
NPCI ने UPI सेवाओं की गति बढ़ाने के लिए रिस्पॉन्स टाइम 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया है, जिससे यूजर्स को ट्रांजैक्शन स्टेटस और रिवर्सल में तेज अनुभव मिलेगा.

भारत में डिजिटल भुगतान का सबसे भरोसेमंद माध्यम बन चुका UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) अब पहले से भी ज्यादा फुर्तीला और असरदार होने जा रहा है. हर दिन करोड़ों लेनदेन करने वाले भारतीयों के लिए ये नई सुविधा जीवन को और ज्यादा आसान बना देगी. अब यूजर्स को ट्रांजैक्शन स्टेटस या फेल पेमेंट के रिवर्सल के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा.
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए सभी संबंधित बैंकों और पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे 16 जून 2025 तक अपने सिस्टम में आवश्यक बदलाव सुनिश्चित करें. इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य UPI से जुड़े अनुभव को और ज्यादा तेज, सहज और भरोसेमंद बनाना है.
अब 30 नहीं, सिर्फ 10 सेकंड में मिलेगा रिस्पॉन्स
NPCI के सर्कुलर के अनुसार, UPI की कई महत्वपूर्ण APIs के लिए रिस्पॉन्स टाइम को काफी घटा दिया गया है. अब:-
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Transaction Status Check और Transaction Reversal जैसी सेवाओं के लिए अधिकतम रेस्पॉन्स टाइम 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है.
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वहीं, Validate Address (Pay, Collect) API के लिए ये समय 15 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड किया गया है.
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ये बदलाव सीधे तौर पर UPI यूजर्स को तेज सेवा और फेल लेनदेन की तुरंत जानकारी देने में मदद करेगा.
ऐप्स को भी करना होगा अपडेट
इस बदलाव का असर सभी रेमिटर बैंक, बेनिफिशियरी बैंक और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm आदि पर पड़ेगा. सभी को अपने सिस्टम को नए समय-सीमा के अनुरूप अपग्रेड करना होगा, ताकि यूजर को स्मूद अनुभव मिले और कोई तकनीकी देरी ना हो.
ग्राहकों को मिलेगा बेहतरीन अनुभव
NPCI ने सर्कुलर में कहा:- उपर्युक्त संशोधनों का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है. सदस्यों को ये सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने सिस्टम में आवश्यक परिवर्तन करें ताकि प्रतिक्रियाओं को संशोधित समय के अंदर संभाला जा सके. अगर सदस्यों के पास भागीदार/व्यापारी के अंत में कोई निर्भरता/कॉन्फ़िगरेशन परिवर्तन है, तो उसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. इसका सीधा मतलब है कि सभी सदस्यों को ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके सिस्टम में बदलाव समय पर लागू हो, चाहे वो बैंक हो या मर्चेंट पार्टनर.
क्यों अहम है ये अपडेट?
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ट्रांजैक्शन फेल होने पर रीफंड जल्द मिलेगा
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रियल टाइम पेमेंट्स में कम होगी देरी
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डिजिटल भुगतान का यूजर ट्रस्ट बढ़ेगा
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बैंक और ऐप्स की जवाबदेही बढ़ेगी


