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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में सीटों पर पेच सुलझाने की कोशिश में कांग्रेस...राहुल गांधी ने लालू यादव से फोन पर की बात

Bihar Assembly elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और आरजेडी के बीच तनातनी बनी हुई है. कांग्रेस 61 सीटों की मांग पर अड़ी थी, जिसे लेकर राहुल गांधी और लालू यादव के बीच सीधी बातचीत हुई. कुछ प्रमुख सीटों पर मतभेद अब भी जारी हैं. कांग्रेस ने बिना अंतिम समझौते के अपनी पहली उम्मीदवार सूची भी जारी कर दी, जिससे गठबंधन में असमंजस की स्थिति है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Bihar Assembly elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर विपक्षी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच अभी तक अंतिम समझौता नहीं हो पाया है, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं. इसी पृष्ठभूमि में गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से सीधे बातचीत की. सूत्रों के अनुसार, यह बातचीत गतिरोध को सुलझाने के प्रयास के तहत की गई.

RJD ने कांग्रेस को 52 सीटों की पेशकश की

बातचीत का केंद्रबिंदु कांग्रेस को मिलने वाली सीटों की संख्या रही. शुरुआत में आरजेडी ने कांग्रेस को 52 सीटों की पेशकश की थी, जिसे कांग्रेस ने ठुकरा दिया. पार्टी ने कम से कम 60 सीटों की मांग की थी. राज्यस्तरीय नेताओं के बीच बातचीत में कोई प्रगति नहीं होने पर यह मुद्दा अब राष्ट्रीय नेतृत्व के स्तर पर पहुंच गया है.

RJD, कांग्रेस को 61 सीटें देने को तैयार
सूत्रों के अनुसार, अब आरजेडी कांग्रेस को 61 सीटें देने को तैयार हो गई है, लेकिन कुछ परंपरागत सीटों को लेकर अब भी विवाद जारी है. खासकर कहलगांव, नरकटियागंज और वासलीगंज जैसी सीटों को लेकर आरजेडी अड़ी हुई है. वहीं, चेनपुर और बछवाड़ा जैसी सीटों पर विवाद अपेक्षाकृत कम है.

वोटर अधिकार यात्रा' से कांग्रेस का आत्मविश्वास
कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने राज्य में पार्टी को नई ऊर्जा दी है. इसी कारण शुरुआती दौर में कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया. हालांकि, बाद में पार्टी ने कुछ नरमी भी दिखाई. 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और मात्र 19 पर जीत दर्ज कर पाई थी. इस बार यदि वह 61 सीटों पर सहमत होती है, तो यह पिछली बार से 9 सीटें कम होंगी.

RJD को सबसे अधिक सीटें मिलने की संभावना
महागठबंधन के अंतर्गत आरजेडी को सबसे अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है, हालांकि वह पिछली बार से कुछ कम सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. 2020 में आरजेडी ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 75 पर जीत दर्ज की थी. वामपंथी दलों - भाकपा माले (लिबरेशन), सीपीआई और सीपीएम के अलावा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी को भी गठबंधन में समायोजित किए जाने की चर्चा है.

बिना सहमति के कांग्रेस ने जारी की प्रत्याशियों की पहली सूची
बुधवार रात को कांग्रेस ने अचानक अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी, जबकि सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी से अंतिम सहमति नहीं बनी थी. यह कदम गठबंधन के भीतर समन्वय की कमी को दर्शाता है. इसी दिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल किया.

सिंबल बांटने के बाद RJD ने बदली रणनीति
सूत्रों की मानें तो महागठबंधन में बातचीत की रफ्तार धीमी होने के चलते आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने कुछ प्रत्याशियों को पार्टी का सिंबल वितरित कर दिया था. यह गतिविधि राबड़ी देवी के आवास पर हुई थी. हालांकि, राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव पटना लौटे और इन सिंबलों को वापस ले लिया गया, जिससे यह संकेत मिला कि शीर्ष नेतृत्व अब बात को संभालने में जुट गया है.

वक्त के खिलाफ रेस, लेकिन उम्मीद कायम
जैसे-जैसे नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक आ रही है, महागठबंधन के लिए समय की चुनौती बढ़ती जा रही है. हालांकि, राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की सक्रियता से उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई समाधान निकल आएगा और विपक्ष एकजुट होकर चुनावी रण में उतरेगा.

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16 October 2025, 03:25 PM IST

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