Bihar Election 2025 : मोकामा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे बाहुबली अनंत सिंह, JDU से मिला सिंबल...जानिए कब करेंगे नामांकन
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जेडीयू ने सीट बंटवारे के बाद उम्मीदवारों को बिना सूची जारी किए चुनाव चिन्ह (सिंबल) देना शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार के आवास पर यह प्रक्रिया चल रही है, जिससे स्पष्ट है कि पार्टी ने सीटों पर आंतरिक रूप से निर्णय ले लिया है. बीजेपी-जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जो 2005 के बाद पहली बार हो रहा है.

Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए में सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह (सिंबल) देना शुरू कर दिया है. हालांकि पार्टी ने अभी तक आधिकारिक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर संभावित उम्मीदवारों को बुलाकर सिंबल सौंपने की प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा भी उनके साथ उपस्थित रहे. इससे स्पष्ट है कि पार्टी ने अपने हिस्से की सीटों पर आंतरिक रूप से फैसला कर लिया है.
बता दें कि जिन नेताओं को अब तक सिंबल दिया गया है, उनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री सुनील कुमार, शैलेश कुमार (जमालपुर), पूर्व मंत्री दामोदर रावत और मंत्री रत्नेश सादा शामिल हैं. एक बड़ा नाम अनंत सिंह का भी है, जिन्हें मोकामा सीट से सिंबल दिया गया, हालांकि उन्होंने खुद नहीं आकर अपने प्रतिनिधि के माध्यम से चिन्ह मंगवाया. सूत्रों की मानें तो अगले 24 घंटों में कई और नामों को सिंबल दिए जा सकते हैं. वहीं कल बाहुबली नेता अनंत सिंह मोकामा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
BJP और JDU 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे
एनडीए के हालिया सीट बंटवारे के अनुसार बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं, जबकि हम (सेक्युलर) और रालोसपा (उपेंद्र कुशवाहा) को 6-6 सीटें दी गई हैं. यह 2005 के बाद पहली बार है जब जेडीयू और बीजेपी बराबर सीटों पर मैदान में उतर रही हैं, जबकि पहले जेडीयू को हमेशा अधिक सीटें मिलती थीं.
अंतिम चरण में चुनाव की तैयारी
जेडीयू द्वारा बिना औपचारिक सूची के उम्मीदवारों को सिंबल देना यह दर्शाता है कि पार्टी की तैयारी अब अंतिम चरण में है और चुनावी रणनीति को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे यह भी संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार की अगुवाई में जेडीयू अब किसी भी सियासी सस्पेंस से परे, तेज़ी से फैसले लेने की दिशा में बढ़ रही है.


