Video : फिलिस्तीन को मान्यता दो...इजरायली संसद में ट्रंप के भाषण के दौरान फिलिस्तीन समर्थक पोस्टर, बाहर फेंके गए सांसद
Trump Israel speech Protest : इजरायल की संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के दौरान दो विपक्षी सांसदों, अयमान ओदेह और ओफर कासिफ, ने फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्टर लहराकर विरोध किया. उन्हें तुरंत बाहर निकाल दिया गया. दोनों सांसद गाजा में इजरायली कार्रवाई के विरोधी हैं और फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की मांग कर रहे हैं. इस घटना ने संसद में राजनीतिक ध्रुवीकरण और वैश्विक नजरिए में इजरायली नीति को फिर चर्चा में ला दिया.

Trump Israel speech Protest : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इजरायल की संसद नेसेट में दिए जा रहे भाषण के दौरान उस समय एक नाटकीय मोड़ आ गया, जब दो विपक्षी सांसदों ने फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्टर लहराकर विरोध प्रदर्शन किया. घटना के कुछ ही सेकंड्स में सुरक्षा अधिकारियों ने दोनों सांसदों को बाहर निकाल दिया, लेकिन इसने ट्रंप के भाषण को क्षणिक रूप से बाधित कर दिया.
ट्रंप-ट्रंप के नारों से माहौल संभाला गया
VIDEO | Jerusalem: A Knesset member was expelled immediately from the hall after disrupting US President Donald Trump’s address to the Israeli parliament.
“That was very efficient,” says Trump.#GazaPeacePlan #IsraelHamas #DonaldTrump
(Source: Third party)
(Full video… pic.twitter.com/f6WBCezLGe— Press Trust of India (@PTI_News) October 13, 2025
विरोध की वजह और सोशल मीडिया प्रतिक्रिया
अयमान ओदेह, जो अरब-यहूदी मूल के हैं और इजरायल की वामपंथी हदाश पार्टी से जुड़े हैं, ने संसद से निकाले जाने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें सिर्फ इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने “फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता देने” की मांग उठाई. उन्होंने कहा, “यह एक साधारण और न्यायपूर्ण मांग है, जिसे पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय स्वीकार करता है.”
ओफर कासिफ का तीखा बयान
ओफर कासिफ, जो यहूदी पृष्ठभूमि से आते हैं और 2019 से संसद में हैं, ने भी विरोध प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि उनका मकसद केवल ट्रंप के भाषण को बाधित करना नहीं था, बल्कि “न्याय और सच्ची शांति की मांग” को उठाना था. उन्होंने लिखा, “कब्जे और रंगभेद को खत्म किए बिना इस भूमि पर स्थायी शांति असंभव है.”
नेतन्याहू सरकार के खिलाफ पुराना विरोध
ये दोनों सांसद पहले भी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गाजा नीति के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, वे नेतन्याहू सरकार को “रक्तपात की सरकार” कहकर संबोधित करते हैं और इजरायल द्वारा गाजा में किए जा रहे सैन्य अभियानों को “अमानवीय” मानते हैं.
इस विरोध प्रदर्शन ने ट्रंप की इजरायल यात्रा और भाषण को वैश्विक मंच पर नई चर्चा में ला खड़ा किया है. यह स्पष्ट है कि इजरायली संसद के भीतर भी फिलिस्तीन को लेकर गहरी वैचारिक खाई है, और अंतरराष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी में यह टकराव और मुखर हो जाता है.


