दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की वापसी, बिहार की राजनीति पर क्या पड़ेगा असर? लालू यादव ने दिया जवाब
Bihar Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद भाजपा की वापसी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. एनडीए और महागठबंधन दोनों अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, जबकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में दिल्ली के नतीजों का कोई असर नहीं पड़ेगा.

Bihar Politics: दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ी जीत मिली है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को हार का सामना करना पड़ा. इस चुनावी नतीजे के बाद बिहार की राजनीति में नए सियासी समीकरणों पर चर्चा तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) जहां 225 सीटें जीतने का दावा कर रहा है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाला महागठबंधन भी सत्ता में वापसी का विश्वास जता रहा है.
इसी बीच पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास से बाहर निकलते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि बिहार में अगली सरकार उनकी ही बनेगी. उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके रहते कोई दूसरी पार्टी सरकार नहीं बना सकती.
लालू यादव ने किया क्लियर
बिहार की राजनीति पर दिल्ली चुनाव के असर को लेकर सवाल पूछे जाने पर लालू प्रसाद यादव ने स्पष्ट किया कि "दिल्ली की आई-गई से बिहार बेअसर है." उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के लोग उन्हें अच्छी तरह जानते हैं और यहां किसी और पार्टी की सियासी दाल नहीं गलने वाली.
लालू ने आगे कहा, "क्या हमारे रहते भाजपा सरकार बना लेगी? हम मुफ्त बिजली, आरक्षण और रोजगार देने वाले हैं." इसके बाद उन्होंने इसी संदर्भ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी एक पोस्ट साझा किया.
तेजस्वी यादव का भी बड़ा बयान
राजद नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी पहले यह कह चुके हैं कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली के नतीजों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव अलग मुद्दों पर लड़ा जाएगा, जहां बेरोजगारी, महंगाई, आरक्षण जैसे विषय मुख्य होंगे और जनता महागठबंधन के साथ खड़ी है.
जसुपा के प्रत्याशियों का चयन जनता तय करेगी: प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी (जसुपा) के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने कहा कि उनकी पार्टी में प्रत्याशियों का चयन पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होगा, न कि किसी एक व्यक्ति के निर्णय पर. उन्होंने बताया कि योग्य उम्मीदवारों का मूल्यांकन निष्पक्ष रूप से किया जाएगा और यह प्रक्रिया जसुपा के कार्यकर्ताओं और तीन स्तरों पर गठित समितियों द्वारा संपन्न होगी.
पीके ने भाजपा, जदयू और राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों में टिकट वितरण का निर्णय शीर्ष नेतृत्व करता है, जबकि जसुपा में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को प्रत्याशी चयन का अधिकार मिलेगा. उन्होंने इसे भारत की राजनीति में एक अनूठी पहल करार दिया और कहा कि पहली बार कोई राजनीतिक दल जनता की राय के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करेगा.


