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बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से परिवार के 4 लोगों की हुई मौत, मोहल्ले में छाया मातम

छपरा में कड़ाके की ठंड से बचने के लिए बंद कमरे में जलाई गई अंगीठी एक परिवार के लिए जानलेवा बन गई, जहरीली गैस से चार की मौत हो गई.

छपरा: बिहार के सारण जिले के छपरा शहर में सर्दी की कड़ी ठंड ने एक परिवार को मौत के मुंह में धकेल दिया. भगवान बाजार थाना क्षेत्र के अम्बिका भवानी मोहल्ले में रहने वाला यह परिवार रात में गर्मी के लिए बंद कमरे में कोयले की अंगीठी जलाकर सोया था. रात भर अंगीठी जलने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर गई, जो बिना गंध वाली जहरीली गैस है.

इससे सभी लोग गहरी नींद में बेहोश हो गए और सुबह तक चार की मौत हो चुकी थी. मरने वालों में तीन मासूम बच्चे (उम्र 5 से 12 साल के बीच) और एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल हैं. 

सुबह खुला भयानक राज

सुबह करीब 8 बजे जब घर का दरवाजा लंबे समय तक नहीं खुला तो पड़ोसियों ने आवाज लगाई। कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने दरवाजा तोड़ा और अंदर का मंजर देखकर दंग रह गए. पूरा परिवार जमीन पर बेसुध पड़ा था. चीख-पुकार मच गई. स्थानीय लोग तुरंत सभी आठ लोगों को सदर अस्पताल ले गए.

वहां डॉक्टरों ने चार को मृत बता दिया. बाकी चार की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है. डॉक्टरों का कहना है कि समय पर अस्पताल पहुंचने से बाकियों की जान बची.

मौके पर पहुंचे अधिकारी

खबर फैलते ही सदर SDPO रामपुकार सिंह, SDM नितेश कुमार और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. जांच में पता चला कि कमरे में कोई वेंटिलेशन नहीं था, जिससे गैस बाहर नहीं निकल सकी. मोहल्ले में मातम छा गया है. मृतकों के परिजन सदमे में हैं और रो-रोकर बुरा हाल है. 

क्यों होती है ऐसी मौतें?

चिकित्सकों के अनुसार, कोयले या लकड़ी की अंगीठी जलने पर ऑक्सीजन की कमी से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनती है. यह गैस फेफड़ों में पहुंचकर खून में ऑक्सीजन की जगह ले लेती है और धीरे-धीरे इंसान को मार डालती है. हर साल सर्दियों में बिहार-यूपी समेत उत्तर भारत में ऐसी कई घटनाएं होती हैं. 

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अंगीठी जलाने के बाद उसे बाहर रखें या कमरे में खिड़की-दरवाजा थोड़ा खुला छोड़ें. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि ठंड से बचाव के लिए सुरक्षित तरीके अपनाएं. हीटर, ब्लोअर या गर्म कपड़े इस्तेमाल करें. बंद कमरे में कभी अंगीठी न जलाएं. 

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27 December 2025, 12:09 PM IST

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