हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर... बादल फटने से अचानक आई बाढ़, बह गईं पुल-सड़कें, Video
हिमाचल प्रदेश में बुधवार देर रात बादल फटने से कई जिलों में पुल बह गए, घर तबाह हो गए और सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं. राहत-बचाव कार्य जारी है, जबकि भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा अब भी बना हुआ है.

Himachal Pradesh Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में बुधवार देर रात बादल फटने से मची तबाही ने कई जिलों में कहर बरपा दिया. अचानक आई बाढ़ के कारण कई पुल बह गए, घरों को तबाह कर दिया और पूरे-पूरे गांवों को दुनिया से हटा दिया. इस प्राकृतिक आपदा ने सड़कों, बाजारों और सार्वजनिक ढांचों को नुकसान पहुंचाया, जिससे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 325 से ज्यादा सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, जबकि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी है.
पुल बह गए, गांवों का संपर्क टूटा
शिमला और लाहौल-स्पीति में उफनती नदियों ने कई महत्वपूर्ण पुलों को बहा दिया, जिससे कूट, क्याव और करपाट जैसे पंचायत क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह टूट गया. शिमला में एक बस स्टैंड और उसके पास की दुकानें मलबे में तब्दील हो गईं. गणवी रैविन में स्थित पुलिस चौकी भी तेज बहाव की भेंट चढ़ गई. कुल्लू के निरमंड उपमंडल में श्रीखंड महादेव क्षेत्र में बादल फटने से बगीपुल बाजार को खाली कराना पड़ा. बठाड़ गांव में बाढ़ का पानी सड़कों और घरों में घुस गया, खेत मलबे से पट गए और कई कुटीर ढह गए. प्रभावित जिलों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जबकि भारी बारिश का अलर्ट जारी है.
When Supreme Court recently warned that Himachal may disappear due to climate change it felt distant, but now it seems reality. This afternoon a sudden flash flood hit Spiti’s Karpat nala . In a region where such events were once rare they have now become the new normal. pic.twitter.com/x8tMVv3JHn
— Nikhil saini (@iNikhilsaini) August 13, 2025
बचाव अभियान तेज
जिला प्रशासन और भारतीय सेना ने संयुक्त रूप से राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं. किन्नौर के ऋषि डोगरी घाटी में फंसे चार लोगों तक ड्रोन के जरिए भोजन और जरूरी सामान पहुंचाया गया, जिसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर सुरक्षित निकाला गया. प्रशासन ने अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए हैं और विस्थापित परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, इंजीनियर क्षतिग्रस्त सड़कों को बहाल करने में जुटे हैं.
खतरा अभी टला नहीं
राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका बनी हुई है. कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है.


