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CM पुष्कर सिंह धामी ने एंजेल चकमा के परिजनों से फोन पर की बात, 4.12 लाख की आर्थिक सहायता भी दी

देहरादून में एमबीए छात्र एंजेल चकमा की मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवार को 4,12,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी है. यह राशि अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जारी की गई. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवार से बात कर न्याय का भरोसा दिया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

देहरादून : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में त्रिपुरा के एमबीए छात्र एंजेल चकमा की हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस गंभीर घटना पर उत्तराखंड सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एंजेल चकमा के परिजनों को 4,12,500 रुपये की मदद दी गई है. यह सहायता अनुसूचित जाति–जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत स्वीकृत की गई है.

सरकारी मदद की पहली किश्त जारी

राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर दिवंगत छात्र एंजेल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई. यह राशि अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दी गई है. प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत यह मामला देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से जिला समाज कल्याण अधिकारी को भेजा गया था, जिसके बाद पहली किश्त के रूप में 4 लाख 12 हजार 500 रुपये का चेक पीड़ित परिवार को सौंप दिया गया.

मुख्यमंत्री ने परिवार से की बात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं एंजेल चकमा के पिता से फोन पर बातचीत कर उन्हें सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और उत्तराखंड जैसे शांत राज्य में ऐसी वारदात हम सभी के लिए पीड़ादायक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश और विदेश के छात्रों के लिए शिक्षा का केंद्र रहा है और सरकार इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी.

जांच में तेजी, आरोपियों पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि इस मामले में अब तक छह में से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एक आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है. उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. गिरफ्तार आरोपियों में से दो नाबालिग बताए जा रहे हैं, जबकि अन्य आरोपियों की पहचान सूरज ख्वास, अविनाश नेगी और सुमित के रूप में हुई है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
उत्तराखंड पुलिस के अनुसार, एंजेल चकमा की मौत रीढ़ की हड्डी और सिर में आई गंभीर चोटों के कारण हुई. देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और सभी साक्ष्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

राष्ट्रीय स्तर पर उठा मामला
इस घटना को लेकर राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने इसे नफरत और भेदभाव की मानसिकता का नतीजा बताया है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय सुनिश्चित करने की मांग की है. पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इसे राष्ट्रीय कलंक करार दिया, जबकि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोगों से ऐसी मानसिकता के खिलाफ एकजुट होने की अपील की. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी देश में नस्लवाद और घृणा अपराधों के खिलाफ सख्त कानून की जरूरत पर जोर दिया.

सरकार का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा से बातचीत की है और केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को भी पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई है. उन्होंने दोहराया कि उत्तराखंड सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. यह मामला न सिर्फ कानून-व्यवस्था का सवाल है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और छात्रों की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है, जिस पर सरकार ने सख्त और संवेदनशील रुख अपनाने का संकेत दिया है.

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