गिद्धों को मिली लाशें...श्रद्धालुओं को मिला पुण्य...सीएम योगी ने जमकर विपक्षियों को लताड़ा
महाकुंभ के समापन से पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ विपक्ष पर जमकर बरसे. मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि गिद्धों को लाशें, सूअरों को गंदगी और भक्तों को भगवान मिले. उन्होंने विधानसभा में कहा कि महाकुंभ में जो कुछ भी मांगा गया, वह मिला.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रयागराज में महाकुंभ के समापन से पहले विपक्ष पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि इस धार्मिक आयोजन में लोगों को वही मिला, जो उन्होंने चाहा था.
सीएम योगी का विपक्ष पर कटाक्ष
मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि गिद्धों को लाशें, सूअरों को गंदगी और भक्तों को भगवान मिले. उन्होंने विधानसभा में कहा कि महाकुंभ में जो कुछ भी मांगा गया, वह मिला. गिद्धों को सिर्फ लाशें मिलीं, सूअरों को गंदगी मिली, लेकिन भक्तों को भगवान और श्रद्धालुओं को पुण्य मिला. सज्जनों को कुलीनता, व्यापारियों को व्यापार और श्रद्धालुओं को स्वच्छ व्यवस्था मिली.
अराजकता फैलाने की कोशिश पर होगा नुकसान
योगी आदित्यनाथ की यह टिप्पणी उन विपक्षी नेताओं पर परोक्ष रूप से की गई, जिन्होंने महाकुंभ के दौरान भगदड़ में हुई मौतों और सफाई के मुद्दों पर बार-बार सवाल उठाए थे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आपने आरोप लगाया कि एक खास जाति को कुंभ में जाने से रोका गया, जबकि किसी अन्य जाति को नहीं रोका गया. अगर कोई व्यक्ति अच्छे इरादे से कुंभ जाता है तो उसे सम्मान मिलेगा, लेकिन अगर कोई गलत इरादे से जाता है तो उसे अराजकता फैलाने की कोशिश करने पर नुकसान होगा.
किसी ने सच कहा है कि महाकुम्भ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला-
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 24, 2025
गिद्धों को केवल लाश मिली
सूअरों को गंदगी मिली
संवेदनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली
आस्थावान को पुण्य मिला
सज्जनों को सज्जनता मिली
भक्तों को भगवान मिले... pic.twitter.com/Z4sXsQCJav
योगी ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी सरकार के दौरान कुंभ की देखरेख में लापरवाही थी. उन्होंने कहा कि आपके समय में मुख्यमंत्री को कुंभ के आयोजन की समीक्षा करने का समय नहीं था. इस वजह से एक गैर-सनातनी को कुंभ का प्रभारी बना दिया गया.
मुख्यमंत्री ने खुद कुंभ की तैयारियों की नियमित समीक्षा की और कहा कि 2013 की तुलना में इस बार स्थिति काफी बेहतर है. 2013 में जब आगंतुकों को अराजकता और गंदगी का सामना करना पड़ा था. तब गंगा, यमुना और सरस्वती संगम में स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं था और यहां तक कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने भी डुबकी लगाने से मना कर दिया था.


