पंजाब में बाढ़ का खतरा! सरकार ने सभी जिलों को किया सतर्क, आपदा टीम अलर्ट पर
पंजाब में मानसून के आगमन से पहले सरकार ने पूरे राज्य को अलर्ट मोड पर ला दिया है. मौसम विभाग की भविष्यवाणी के मुताबिक इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, ऐसे में राज्य सरकार कोई चूक नहीं चाहती.

पंजाब में मानसून की दस्तक से पहले सरकार ने राज्यभर में अलर्ट जारी कर दिया है. जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने सभी संबंधित अधिकारियों और जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को अंतिम तैयारियों की दोबारा समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं. इस बार मौसम विभाग ने बीते वर्षों के मुकाबले ज्यादा बारिश की संभावना जताई है, ऐसे में बाढ़ संभावित इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं.
राज्य सरकार ने साफ किया है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस दिशा में सभी जिलों में बाढ़ नियंत्रण उपायों की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है. वहीं प्री-मानसून बारिश ने पहले ही कुछ जगहों पर जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे प्रशासन हरकत में आ गया है.
मानसून से पहले फुल अलर्ट मोड पर पंजाब सरकार
पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया है कि 25 जून के आसपास मानसून के प्रवेश की संभावना को देखते हुए पहले से ही चौकसी बरतनी जरूरी है. जल संसाधन मंत्री गोयल ने सभी जिलों के डीसी को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने इलाके में तैयारियों का भौतिक निरीक्षण करें और बाढ़ प्रबंधन योजनाओं को अपडेट करें.
जिलों में बैठकों का दौर शुरू
सरकारी आदेशों के बाद अब जिलों में प्रशासनिक स्तर पर बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. संबंधित विभागों के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जलनिकासी तंत्र सही स्थिति में हो, पंपिंग स्टेशन काम कर रहे हों और सभी जरूरी उपकरण जैसे मोटर, नाव, जीवन रक्षक जैकेट आदि तैयार हों.
आपदा प्रबंधन टीमें हाई अलर्ट पर
सरकार ने सभी आपदा प्रबंधन टीमों को चौबीसों घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया है. अधिकारी काका सिंह ने बताया, "लोगों को उन क्षेत्रों से दूरी बनाए रखनी चाहिए जहां जलभराव की आशंका अधिक है. किसी भी आपात स्थिति में रेस्क्यू टीमें त्वरित प्रतिक्रिया देने को तैयार हैं."
जनता को भी दी गई जरूरी सलाह
प्रशासन की ओर से आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे मानसून के दौरान निचले इलाकों में रहने से बचें, प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें.
जलभराव से पहले निकासी व्यवस्था सुधारने पर जोर
इस बार सरकार का फोकस सिर्फ अलर्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीन पर व्यवस्था सुधारने पर है. विशेष तौर पर शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नालों की सफाई और निकासी व्यवस्था को प्राथमिकता दी जा रही है.