हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने पद से दिया इस्तीफा, बने रहेंगे MLA
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव तब सामने आया जब विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया. माना जा रहा है कि हाईकमान उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या कैबिनेट में मंत्री बनाने पर विचार कर रहा है.

हिमाचल प्रदेश : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष बदलने और कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है. विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर पूरे प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी. विधानसभा सचिवालय ने उनके इस्तीफे की पुष्टि कर दी है और अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसे औपचारिक रूप से स्वीकार भी कर लिया है. हालांकि विनय कुमार विधायक पद पर बने रहेंगे, लेकिन उपाध्यक्ष पद छोड़ने के बाद सरकार और संगठन दोनों में बदलाव की संभावनाएं तेज हो गई हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष का नया चेहरा बन सकते हैं विनय कुमार
कैबिनेट में शामिल होने की संभावना भी मजबूत
संगठनात्मक बदलाव के साथ-साथ मंत्री पद पर भी विनय कुमार का नाम गंभीरता से लिया जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का पद नहीं मिलता, तो संभव है कि उन्हें कैबिनेट में जगह देकर सरकार की टीम को संतुलित किया जाए. तीन बार विधायक रहने के साथ उनका प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए भी एक मजबूत दावेदार बनाता है.
हाईकमान की सहमति और नेतृत्व का भरोसा
सूत्र बताते हैं कि AICC पहले ही कई दौर की चर्चा कर चुका है और विनय कुमार को अधिकतर वरिष्ठ नेताओं का समर्थन प्राप्त है. खास बात यह है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों ही उनके नाम पर सहमत दिख रहे हैं. ऐसे में उनका इस्तीफा इस बात का संकेत माना जा रहा है कि जल्द ही बड़े पद का ऐलान किया जा सकता है.
दलित चेहरे के रूप में राजनीतिक मजबूती
विनय कुमार SC वर्ग से आते हैं, और कांग्रेस इस वर्ग को अपने साथ बनाए रखने को लेकर काफी सक्रिय है. 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने SC के लिए आरक्षित 17 में से 10 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने में निर्णायक साबित हुई थीं. इस वजह से पार्टी एक मजबूत दलित चेहरे को आगे बढ़ाकर सामाजिक समीकरण और अधिक स्थिर करना चाहती है. विनय कुमार के राजनीतिक करियर को उनके पिता प्रेम सिंह की विरासत भी मजबूती देती है, जो इसी सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं.
गुटबाजी खत्म करने के लिए ‘संतुलित’ चेहरा
पिछले कुछ महीनों में हिमाचल कांग्रेस लगातार गुटबाजी और आंतरिक खींचतान से घिरी रही है. हाईकमान अब ऐसे नेतृत्व की तलाश में है जो संगठन में स्थिरता ला सके. विनय कुमार तीन बार विधायक, पूर्व CPS और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी साफ छवि, प्रशासनिक अनुभव और दोनों गुटों में स्वीकार्यता उन्हें सबसे मजबूत दावेदार बनाती है.
क्या जल्द होगी बड़ी घोषणा?
सियासी हलचल और लगातार जारी बैठकों के बीच माना जा रहा है कि हिमाचल कांग्रेस में बड़ा बदलाव किसी भी समय सामने आ सकता है. विनय कुमार का इस्तीफा सिर्फ औपचारिक कदम था, और अब हाईकमान अंतिम निर्णय लेने की ओर बढ़ चुका है. आने वाले दिनों में यह तय हो जाएगा कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलती है या कैबिनेट में महत्वपूर्ण स्थान.


