Bihar voter List : बिहार में अंतिम मतदाता सूची जारी, 7.42 करोड़ लोग शामिल, लिस्ट से हटाए गए 47 लाख नाम
Bihar voter List 2025 : बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी गई, जिसमें कुल 7.42 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं. प्रारंभिक सूची से 65 लाख नाम हटाए गए, 21.53 लाख नए जोड़े गए. पटना जिले में 1.63 लाख नए मतदाता जुड़े. नागरिक अपना नाम निर्वाचन आयोग की वेबसाइट voters.eci.gov.in पर जांच सकते हैं. आगामी विधानसभा चुनाव इसी सूची के आधार पर होंगे.

Bihar voter List 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक अहम कदम उठाते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने 30 सितंबर 2025 को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी है. यह सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया के तहत तैयार की गई है, जिसमें मतदाताओं के दावे और आपत्तियों को शामिल करते हुए व्यापक सुधार किया गया है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को सटीक, अद्यतन और निष्पक्ष बनाना था.
विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद नई सूची जारी
47 लाख नाम हटाए गए, 21.53 लाख नए जुड़े
निर्वाचन आयोग के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 24 जून 2025 तक बिहार में कुल 7.89 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे. लेकिन चुनावी सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान 65 लाख अमान्य नामों को हटाया गया, जिससे 1 अगस्त को प्रकाशित प्रारंभिक सूची में मतदाताओं की संख्या घटकर 7.24 करोड़ रह गई थी.
पटना जिले में भी हुआ बड़ा इजाफा
राजधानी पटना जिले की बात करें तो वहां भी मतदाताओं की संख्या में काफ़ी इजाफा देखा गया. 1 अगस्त को जारी प्रारंभिक सूची में 46,51,694 मतदाता थे, जबकि अंतिम सूची में यह आंकड़ा बढ़कर 48,15,294 हो गया, यानी एक महीने की अवधि में 1,63,600 नए मतदाता जुड़े. यह दर्शाता है कि लोगों में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने को लेकर जागरूकता बढ़ी है और निर्वाचन आयोग की पहलें जमीन पर असरदार साबित हो रही हैं.
आधिकारिक वेबसाइट से चेक करें अपना नाम
निर्वाचन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि हर नागरिक अपना नाम, पता, बूथ नंबर आदि विवरण आसानी से voters.eci.gov.in पोर्टल पर जाकर देख सकता है. यह सुविधा डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. अब आगामी बिहार विधानसभा चुनाव इन्हीं मतदाता आंकड़ों के आधार पर आयोजित किए जाएंगे, जिससे चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके.


