score Card

DISHA बैठक में बवाल: BJP–BAP सांसदों की तीखी झड़प, विधायक ने दी खुली धमकी

डूंगरपुर में DISHA की बैठक के दौरान एजेंडे को लेकर BAP सांसद राजकुमार रोत और भाजपा सांसद मन्नालाल रावत के बीच तीखी बहस हो गई, जो हंगामे में बदल गई.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

डूंगरपुर जिला परिषद के सभागार में सोमवार को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (DISHA) की बैठक उस समय हंगामे का केंद्र बन गई, जब भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत और उदयपुर से भाजपा सांसद मन्नालाल रावत के बीच तीखी बहस छिड़ गई. बैठक का उद्देश्य विकास योजनाओं की समीक्षा करना था, लेकिन एजेंडे को लेकर शुरू हुई चर्चा जल्द ही आरोप-प्रत्यारोप और व्यक्तिगत टिप्पणियों में बदल गई.

बहस क्यों शुरू हुई?

बैठक की शुरुआत सामान्य रूप से हुई, लेकिन जैसे ही बांसवाड़ा से सांसद राजकुमार रोत ने एजेंडे से हटकर राज्य सरकार से जुड़े मुद्दों को उठाया, माहौल तनावपूर्ण हो गया. भाजपा सांसद मन्नालाल रावत ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दिशा की बैठक में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर ही चर्चा होनी चाहिए. इसी बात को लेकर दोनों नेताओं के बीच बहस शुरू हो गई.

सांसद राजकुमार रोत ने खुद को बैठक का अध्यक्ष बताते हुए कहा कि जनता से जुड़ी किसी भी समस्या पर चर्चा करना उनका अधिकार है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बैठक के दौरान अनावश्यक रूप से माहौल बिगाड़ा जा रहा है. जवाब में भाजपा सांसद ने एजेंडे से बाहर जाकर चर्चा करने को नियमों के खिलाफ बताया. देखते ही देखते बहस तीखी होती चली गई और शब्दों की मर्यादा टूटने लगी.

स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब आसपुर से विधायक उमेश डामोर भी बहस में कूद पड़े. विधायक और सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी. इस दौरान ‘बाहर आकर देख लेने’ जैसी टिप्पणियां भी सामने आईं, जिससे बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी असहज हो गए. हालात इतने बिगड़ गए कि प्रशासन और सुरक्षा कर्मियों को बीच-बचाव करना पड़ा.

सभागार में शोर-शराबा और तनाव का माहौल

करीब 15 मिनट तक सभागार में शोर-शराबा और तनाव का माहौल बना रहा. अधिकारियों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की. कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार स्थिति पर काबू पाया गया और बैठक को दोबारा शुरू किया जा सका.

इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासनिक बैठकों में राजनीतिक टकराव के बढ़ते प्रभाव को उजागर किया. जहां एक ओर बैठक का उद्देश्य विकास कार्यों की समीक्षा था, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक मतभेदों ने चर्चा को भटका दिया. हंगामे के बाद अधिकारियों ने बैठक को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने पर जोर दिया और विकास से जुड़े मुद्दों पर दोबारा चर्चा शुरू की गई.

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag