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पटना में रविवार को हॉर्न पर लगा 'ब्रेक', जानें क्या है पुरा मामला?

पटना में आज 'नो हॉर्न डे' की धूम मची है. अब से हर रविवार को शहर की सड़कों पर हॉर्न की चीख-पुकार को अलविदा कहने का मौका मिलेगा. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह शानदार फैसला लिया है, ताकि शोर से राहत मिले और शहर में शांति की सैर हो सके. बोर्ड का यह अनोखा अभियान 2 अक्टूबर, 2025 तक जारी होगा.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Patna No Horn Day Today: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने पटनावासियों को ध्वनि प्रदूषण से राहत देने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है. अब हर रविवार को ‘नो हॉर्न डे’ मनाया जाएगा, जिसमें वाहन चालकों से अपील की जाएगी कि वे अपने वाहनों के हॉर्न का इस्तेमाल न करें. इसका उद्देश्य पटना शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को कम करना और शहरवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है. इस पहल के तहत, लोगों से अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने से बचने का आग्रह किया गया है ताकि शहर का वातावरण शांतिपूर्ण बना रहे. यह कदम पटना शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है, जो नागरिकों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने इस नई पहल के प्रति जनता से सहयोग की अपील की है और कहा है कि यह छोटा सा प्रयास पटनावासियों के स्वास्थ्य और वातावरण के लिए बड़ा योगदान साबित हो सकता है.

'नो हॉर्न डे'

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने पटना शहर में 2 अक्टूबर, 2025 तक ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इस अभियान के तहत, प्रत्येक रविवार को ‘नो हॉर्न डे’ मनाया जाएगा, जिसमें वाहन चालकों से अपील की जाएगी कि वे बिना किसी आवश्यक कारण के अपने वाहनों का हॉर्न न बजाएं. इस पहल को लेकर पटनावासियों की ओर से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है और लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं.

ध्वनि प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव

ध्वनि प्रदूषण, खासकर जब वह अत्यधिक होता है, सेहत पर कई प्रकार के नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. पटना में अनावश्यक रूप से हॉर्न बजाने के कारण लोग परेशान होते हैं. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और अपना योगदान दें. बोर्ड ने यह भी कहा है कि छोटा सा सहयोग शहर के वातावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा योगदान साबित होगा.

पटना में ध्वनि प्रदूषण की स्थिति

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से पटना शहर में ध्वनि प्रदूषण के मानक तय किए गए हैं. इसके तहत, शांत और आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर मानक से कहीं अधिक पाया गया है. पटना के अधिकतर शांत और आवासीय इलाकों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर औसतन 80 डेसिबल से अधिक पाया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

ध्वनि प्रदूषण का लेबल

बोर्ड के अनुसार, 65 डेसिबल से अधिक की ध्वनि को ध्वनि प्रदूषण माना जाता है, और 75 डेसिबल से अधिक की ध्वनि को हानिकारक माना जाता है. पटना के कई इलाकों में यह सीमा पार कर रही है, जिसके कारण लोगों को मानसिक और शारीरिक समस्याएं हो रही हैं. इस समस्या से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यह पहल शुरू की है ताकि लोगों को राहत मिल सके और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.

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10 August 2025, 03:28 PM IST

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