हॉस्पिटल का वेटिंग एरिया बना अय्याशी का अड्डा: झाड़ियों में छिपकर कपल्स की गंदी हरकतें, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
इन शर्मसार करने वाली घटनाओं के बाद अस्पताल का मैनेजमेंट अचानक एक्शन में आ गया है. अब उस रात ड्यूटी पर तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों को बुलाया जाएगा और उनसे सख्ती से पूछताछ की जाएगी कि आखिर वे सो क्यों रहे थे.

अशोकनगर: मध्य प्रदेश का अशोकनगर जिला अस्पताल एक बार फिर गंभीर विवादों में घिर गया है. अस्पताल परिसर से दो नए अश्लील वीडियो सामने आए हैं, जो न केवल अस्पताल की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि वहां की प्रबंधन व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं. इन वीडियो में प्रेमी कपल अश्लील हरकतें करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो कुछ दिन पहले के बताए जा रहे हैं. यह घटना इस अस्पताल की लगातार बढ़ती लापरवाही को उजागर करती है, जहां पहले भी ऐसी विवादित घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
वीडियो में क्या दिखा?
पहला वीडियो अस्पताल के माधव उद्यान पार्क का है, जहां एक युवक और युवती भरी दोपहर में झाड़ियों की ओट में आपत्तिजनक हरकतें करते हुए पाए गए. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन के खिलाफ सवाल खड़े हो रहे हैं.
दूसरे वीडियो में एक जोड़ा जिला अस्पताल के वेटिंग एरिया में नजर आता है, जहां रात के समय दोनों कंबल के अंदर 'गंदी बातें' करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस हरकत का वीडियो वहां मौजूद कुछ लोगों ने बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. वीडियो सामने आने के बाद दोनों वहां से भाग गए.
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल
इस घटना के सामने आने के बाद सिविल सर्जन भूपेंद्र सिंह शेखावत ने अस्पताल प्रबंधन की चूक स्वीकार की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं अस्पताल जैसी जगह पर बिल्कुल भी उचित नहीं हैं. सिविल सर्जन ने मामले की गहरी जांच करने का आश्वासन दिया और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा.
पिछले विवाद भी उठे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब अशोकनगर जिला अस्पताल विवादों में आया हो. कुछ समय पहले, इस अस्पताल का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ लोग अस्पताल परिसर में शराब पार्टी करते हुए दिखाई दिए थे. इससे साफ होता है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से अस्पताल परिसर में कई बार इस तरह की आपत्तिजनक घटनाएं हो रही हैं. इन घटनाओं से न केवल अस्पताल की छवि खराब हो रही है, बल्कि मरीजों और उनके परिवारजनों के लिए भी यह असहज स्थिति बन गई है.


