बरेली में कैसे भड़की हिंसा? 7 दिन पहले रची गई थी साजिश, दंगाइयों पर एनएसए लगा सकती है सरकार
Bareilly violence: बरेली में नमाज के बाद आई लव मुहम्मद पोस्टर विवाद से हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. 30 उपद्रवी गिरफ्तार, 50 हिरासत में. तौकीर रजा नजरबंद. पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.

Bareilly violence: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को नमाज़ के बाद आई लव मुहम्मद पोस्टर को लेकर हिंसा भड़क उठी, जिससे पूरा शहर स्तब्ध रह गया. यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ था. ये अब बरेली, मऊ और अन्य शहरों में भी फैल गया. हिंसा के दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने हवा में गोलियां चलाई और पथराव किया, जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए.
उपद्रवियों की गिरफ्तारी
बरेली हिंसा के सिलसिले में अब तक 30 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान को नजरबंद किया गया है और उनसे आज पूछताछ होने की संभावना है. दरअसल, मौलाना तौकीर रजा खां ने 19 सितंबर को घोषणा की थी कि शुक्रवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान से विरोध-प्रदर्शन निकाला जाएगा. उनका कार्यक्रम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन डीएम को सौंपने का था. प्रशासन ने इस कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी, लेकिन माहौल पहले ही गरमाया जा चुका था.
शहर में सुरक्षा बढ़ाई गई
झड़पों के बाद बरेली में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. इस्लामिया ग्राउंड और शहर के प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल मौजूद है. पुलिस और प्रशासन ने अशांति फैलाने वालों पर नियंत्रण रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.
बेकाबू भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, योगी पुलिस लट्ठ नहीं बजाती तो क्या पुचकारती?
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) September 26, 2025
संभल करना चाहते थे?
परिणाम:
पोस्टर-बैनर सब मिट्टी में- “हाय बचा लो.. की चीख”#Bareilly pic.twitter.com/gBLmVUnCru
पूर्व नियोजित हिंसा का खुलासा
जांच में पता चला कि बरेली में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी और पुलिस फिलहाल इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान कर रही है. अधिकारियों ने कहा कि दंगाइयों और आयोजकों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी. संदिग्धों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) का विश्लेषण किया जा रहा है और झड़प वाले क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज से दंगाइयों की पहचान की जा रही है.
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
कानपुर से शुरू हुए पोस्टर विवाद के बाद शुक्रवार को नमाज़ के बाद रज़ा के आह्वान पर सैकड़ों प्रदर्शनकारी इस्लामिया मैदान के बाहर जमा हुए. वे “आई लव मुहम्मद” बैनर और पोस्टर लेकर नारे लगा रहे थे. इलाके में पहले से धारा 144 लागू थी, लेकिन भीड़ मस्जिद के बाहर जमा हो गई. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और प्रदर्शनकारियों ने हमला शुरू कर दिया.
पुलिस की कार्रवाई
भीड़ मैदान से भागकर गलियों में पथराव करने लगी. प्रदर्शनकारियों ने पोस्टरों को ढाल और हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, साथ ही गोलियों का जवाब भी दिया. डीआईजी अजय कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोग स्थानीय हैं और रज़ा का वीडियो देखकर इकट्ठा हुए थे.
तौकीर रजा की भूमिका
रजा को दंगों का कथित मास्टरमाइंड माना जा रहा है. पुलिस ने उन्हें अज्ञात स्थान पर पूछताछ के लिए ले जाया है और उनके घर के सभी मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं. रजा ने एक वीडियो संदेश जारी कर हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.
सीएम योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक कर त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए. उन्होंने दंगाइयों को चेतावनी दी कि अराजकता फैलाने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा. बरेली में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस एवं प्रशासन सतर्कता बनाए हुए हैं.


