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सत्ता में आए तो वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे...मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए बोले तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन बिल पर विरोध जताया, सीमांचल विकास और वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने का वादा किया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

कटिहार : महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कटिहार में आयोजित जनसभा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यदि बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी, तो यह अधिनियम "धूल में फेंक दिया जाएगा." अप्रैल 2025 में संसद द्वारा पारित यह अधिनियम पिछड़े मुसलमानों और महिलाओं के सशक्तिकरण तथा पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया था. हालांकि विपक्ष का मानना है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है.

नीतीश कुमार और बीजेपी पर आरोप

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनके पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कभी भी सांप्रदायिक ताकतों के साथ समझौता नहीं किया, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा ऐसे शक्तियों का समर्थन करते रहे. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और उसकी सहायक संस्थाओं पर राज्य और देश में नफ़रत फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने भाजपा को "भारत जलाओ पार्टी" कहकर संबोधित किया और दावा किया कि यदि यह पार्टी सत्ता में आती है तो सांप्रदायिक एजेंडा और अधिक बढ़ेगा.

भ्रष्टाचार और उपेक्षा के आरोप
तेजस्वी ने राज्य सरकार पर 20 साल के शासन में rampant भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया. उन्होंने विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र की उपेक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि यदि महागठबंधन सत्ता में आया तो सीमांचल विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार उनके गठबंधन के चुनावी वादों की नकल कर रही है.

सामाजिक कल्याण पर वादे
सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में तेजस्वी यादव ने वृद्धावस्था पेंशन 2,000 रुपये प्रति माह बढ़ाने का वादा किया. यह घोषणा हाल ही में राजद MLC मोहम्मद करी सोहैब के बयान के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि वक्फ बिल सहित सभी विधेयक सत्ता में आने पर रद्द कर दिए जाएंगे. हालांकि भाजपा ने यह प्रश्न उठाया कि क्या राज्य सरकार के पास केंद्रीय कानून पर यह अधिकार होगा.

बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दांव
तेजस्वी यादव के बयान यह दर्शाते हैं कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव बेहद संवेदनशील और प्रतिस्पर्धात्मक होंगे. महागठबंधन अल्पसंख्यक मतों को एकजुट करने और एनडीए के विकास और प्रशासनिक दावों को चुनौती देने का प्रयास कर रहा है. उनके वादे और आरोप आगामी चुनावी रणनीति और राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करेंगे.

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26 October 2025, 07:44 PM IST

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