भारत ने पाकिस्तान को दी बाढ़ की चेतावनी, सिंधु जल संधी रद्द होने के बाद भी विदेश मंत्रालय ने भेजा अलर्ट
उत्तर भारत में भारी बारिश से सतलुज नदी उफान पर है. इसी के चलते भारत ने मानवीय आधार पर पाकिस्तान को संभावित बाढ़ की चेतावनी दी है. यह अलर्ट विदेश मंत्रालय के माध्यम से भेजा गया. भले ही सिंधु जल संधि के अंतर्गत डेटा साझा करना निलंबित है, लेकिन भारत ने जनहानि रोकने के लिए यह कदम उठाया है.

India Pakistan Flood Alert: उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई राज्यों को बाढ़ की चपेट में ला दिया है. पंजाब की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक बनी हुई है, जहां की प्रमुख नदियाँ – सतलुज, ब्यास और रावी – लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इन नदियों में अचानक बढ़े जलस्तर के कारण बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है.
पाकिस्तान को भारत की बाढ़ चेतावनी
डेटा साझाकरण पर अस्थायी रोक
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि के तहत नियमित रूप से हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा किया जाता रहा है. लेकिन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, भारत ने यह प्रक्रिया निलंबित कर दी थी. इस हमले में मारे गए अधिकतर लोग पर्यटक थे, जिससे यह घटना और भी संवेदनशील बन गई थी.
मानवीय आधार पर दी गई चेतावनी
हालांकि भारत ने डेटा साझा करने की प्रक्रिया स्थगित की हुई है, फिर भी मानवीय आधार पर सतलुज नदी से जुड़ी चेतावनी पाकिस्तान को भेजी गई है. सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि यह कदम राजनीतिक या कूटनीतिक दबाव में नहीं, बल्कि संभावित जन-धन की हानि से बचाव के उद्देश्य से उठाया गया है. इससे पहले भी भारत ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान को तवी नदी में संभावित बाढ़ को लेकर तीन चेतावनियां भेजी थीं.
जलाशयों का दबाव बढ़ा, बाढ़ का खतरा गहराया
बारिश के कारण जलाशयों और बांधों में पानी का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है. रंजीत सागर डैम, पोंग डैम और भाखड़ा-नांगल डैम से एक साथ अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से पंजाब और पाकिस्तान दोनों ही देशों के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में बारिश और तेज हो सकती है, जिससे स्थिति और भी खराब हो सकती है.
सावधानी ही बचाव है
बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरे को देखते हुए भारत का यह कदम न केवल जिम्मेदारी भरा है, बल्कि मानवता का प्रतीक भी है. भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव बना हुआ हो, लेकिन प्राकृतिक आपदा की घड़ी में मानवीय चेतावनी देना एक सकारात्मक संकेत है. अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है और वहां बाढ़ से निपटने के लिए क्या तैयारी करता है.


