Kerala Hijab Controversy: सेंट रीटा स्कूल में हिजाब प्रतिबंध से भड़का छात्रा का परिवार, शिक्षा अधिकार पर छिड़ा सियासी संग्राम
Kerala Hijab Controversy: केरल के पल्लुरुथी में सेंट रीटा स्कूल का हिजाब विवाद अब गरमाता जा रहा है. पहले एक मुस्लिम छात्रा ने स्कूल छोड़ दिया, और अब दो और छात्राओं ने टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) के लिए आवेदन कर दिया. वजह? स्कूल प्रिंसिपल ने साफ कहा- हिजाब हमारे यूनिफॉर्म नियमों के खिलाफ है.

Kerala Hijab Controversy: कुछ वर्षों पहले कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर हुई तीखी बहस के बाद अब केरल के कोच्चि में भी वैसी ही स्थिति उभरती नजर आ रही है. लैटिन कैथोलिक चर्च द्वारा संचालित सेंट रीटा पब्लिक स्कूल में कक्षा आठ की एक छात्रा को हिजाब पहनने से रोक दिया गया, जिसके बाद विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक रंग पकड़ लिया है. स्कूल की इस कार्रवाई के बाद तीन छात्रों ने अपने परिवार के साथ स्कूल छोड़ दिया है, जबकि विपक्षी दल इसे छात्रों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करार दे रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने जांच के बाद स्कूल को निर्देश दिया है कि छात्रा को हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, वहीं कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने आरोप लगाया है कि संघ परिवार इस मामले को सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए हवा दे रहा है. इस विवाद ने राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता और शैक्षणिक संस्थानों के ड्रेस कोड के बीच टकराव को फिर से ताजा कर दिया है.
हिजाब प्रतिबंध से शुरू हुआ विवाद
10 अक्टूबर को कक्षा आठ की एक मुस्लिम छात्रा ने स्कूल यूनिफॉर्म के साथ हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन स्कूल के प्रिंसिपल ने इसे ड्रेस कोड का उल्लंघन बताते हुए प्रवेश से रोक दिया. छात्रा के पिता ने इस मामले को मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के शिकायत निवारण फोरम में ले जाकर शिकायत दर्ज कराई.
उप-निदेशक शिक्षा सुबिन पॉल की अगुवाई में जांच टीम ने स्कूल का दौरा कर मामले की पड़ताल की. जांच में पाया गया कि स्कूल ने छात्रा के शिक्षा के अधिकार (RTE एक्ट) का उल्लंघन किया है. हिजाब पहनना छात्रा का धार्मिक अधिकार है. स्कूल को डिजाइन और रंग पर निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन छात्रा को कक्षा से बाहर नहीं किया जा सकता. यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
स्कूल प्रबंधन की सफाई और हाईकोर्ट का हस्तक्षेप
स्कूल प्रबंधन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि छात्रा को कक्षा से बाहर नहीं किया गया था, बल्कि उसके पिता से बात की गई थी. प्रिंसिपल सिस्टर हेलीना अल्बी ने कहा कि मामला सुलझ चुका है. हमने 2018 के केरल हाईकोर्ट के फैसले का पालन किया है, जिसमें धार्मिक प्रतीकों के मामले में यूनिफॉर्म नियमों को प्राथमिकता दी गई थी. विवाद बढ़ने के बाद स्कूल ने 13-14 अक्टूबर को दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी. इसके अलावा, प्रिंसिपल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि छात्रा के पिता और उनके साथ आए छह अन्य लोग स्कूल में हंगामा मचा रहे थे. हाईकोर्ट ने 13 अक्टूबर को पुलिस को स्कूल परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया और स्कूल ने सुरक्षा की मांग की है. जिसके बाद PTA अध्यक्ष जोशी कैथावलप्पिल ने कहा कि रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत है. हम हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
प्रिंसिपल और PTA अध्यक्ष ने हिजाब पहनने वाली लड़की के साथ दुर्व्यवहार किया. यह मेरी आस्था का अपमान है. स्कूल प्रबंधन अन्य धर्मों के प्रति पक्षपात करता है. ऐसे माहौल में बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं है. जेस्ना ने अपने बच्चों को अवर लेडीज कन्वेंट स्कूल में दाखिला दिला दिया है. इस तरह यह विवाद धार्मिक सहिष्णुता, शिक्षा के अधिकार और सामाजिक समरसता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर नई बहस छेड़ दिया है.
हिजाब विवाद से केरल में बढ़ती सामाजिक चुनौतियां
केरल के कोच्चि में हिजाब पहनने को लेकर सेंट रीटा पब्लिक स्कूल का विवाद धार्मिक स्वतंत्रता और स्कूलों के यूनिफॉर्म को लेकर एक जटिल मुद्दा बन चुका है. इस विवाद ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था, धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सद्भाव के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती को फिर से उभारा है. शिक्षा विभाग और न्यायालय द्वारा उठाया गया यह कदम भविष्य में ऐसे मामलों को सुलझाने में मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं.


