मानसिक रूप से बीमार था बेटा...मोहम्मद मुस्तफा बोले- DGP रहते हुए मैंने कांस्टेबलों से माफी मांगी थी
Mohammad Mustafa Son Death Case : पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने बेटे अकील की मौत पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने बताया कि अकील पिछले 18 सालों से नशे का आदी था और मानसिक रूप से गंभीर बीमार था. उसकी अस्थिरता ने पूरे परिवार को मानसिक और सामाजिक पीड़ा दी. कई बार वह हिंसक हो गया, झूठे आरोप लगाए, वीडियो जारी किए और अंततः उसकी मौत रहस्यमयी हालात में हुई, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है.

Mohammad Mustafa Son Death Case : पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील की मौत से जुड़ा मामला लगातार नए मोड़ ले रहा है. जैसे-जैसे समय बीत रहा है, इस घटना से जुड़ी परतें खुलती जा रही हैं. अब खुद मोहम्मद मुस्तफा सामने आए हैं और उन्होंने न केवल अपने बेटे की मानसिक स्थिति को लेकर खुलासा किया है, बल्कि अपने परिवार की पीड़ा और उन पर लगाए जा रहे आरोपों का भी जवाब दिया है.
मानसिक बीमारी ने तोड़ दिया पूरा परिवार
शिक्षा और सामाजिक जीवन में भी था असर
मुस्तफा ने बताया कि अकील की मानसिक अस्थिरता के कारण उसे कई बार स्कूल और कॉलेज बदलने पड़े. पढ़ाई में रुचि खत्म हो चुकी थी और व्यवहार में चिड़चिड़ापन आ गया था. कई मौकों पर उसने पुलिस अधिकारियों पर हमला भी किया था. मुस्तफा ने खुद माना कि डीजीपी पद पर रहते हुए उन्हें अपने ही बेटे की करतूतों के लिए कांस्टेबल स्तर के अधिकारियों से माफ़ी माँगनी पड़ी थी, ताकि मामले को आगे न बढ़ाया जाए और परिवार की इज्जत बची रहे.
परिवार पर शारीरिक हिंसा के आरोप
उन्होंने यह भी बताया कि अकील का व्यवहार सिर्फ मानसिक नहीं बल्कि हिंसक भी था. 2008 में उसने अपनी ही दादी यानी मुस्तफा की माँ के साथ मारपीट की थी, जिससे उनकी कमर टूट गई थी. लेकिन तब समाज और सार्वजनिक छवि के डर से यह कह दिया गया कि वह गिर गई थीं. अकील ने अपनी पत्नी के साथ भी बर्बरता की थी और उसे जान से मारने की कोशिश की थी. जब मामला पुलिस तक पहुँचा, तो परिवार ने एकजुट होकर आँसू बहाए और उसे वापस बुला लिया.
वीडियो विवाद और सच्चाई का सामना
मुस्तफा ने बताया कि अकील ने 27 अगस्त को एक ऐसा वीडियो बनाया था जिसमें उसने अपने परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे. फिर 8 अक्टूबर को एक और वीडियो जारी कर माफ़ी माँगी, लेकिन तब तक सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में मामला गरमा चुका था. अकील मानसिक रूप से इतना अस्थिर था कि उसे याद ही नहीं रहता था कि कौन सा वीडियो कब बनाया गया था. वह कहता था कि माफ़ी वाला वीडियो एक साल पुराना है, जबकि वास्तव में वह महज 40 दिन पहले का था.
राजनीतिक साजिश की भी जताई आशंका
पूर्व डीजीपी ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग इस पूरी घटना को तोड़-मरोड़ कर उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल करने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि अकील की मौत से इन लोगों को कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वे केवल अपने राजनीतिक स्वार्थों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. मुस्तफा ने कहा कि अब वह चुप नहीं रहेंगे और सच्चाई को सबके सामने लाएंगे.
18 साल से नशे की गिरफ्त में...
सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह था कि अकील पिछले 18 सालों से नशे का आदी था. मुस्तफा ने बताया कि उसका बेटा अक्सर खुद को कमरे में दो-दो दिन तक बंद रखता था और नशे में डूबा रहता था. 16 अक्टूबर को जब परिवार घर लौटा, तो अकील मृत पाया गया. मौत की वजह स्पष्ट करने के लिए पोस्टमार्टम करवाया गया ताकि किसी तरह की अफवाह न फैले और सच्चाई सामने आ सके.
FIR और SIT जांच
अकील की मौत के बाद एफआईआर दर्ज कराने वाले शख्स शम्सुद्दीन को लेकर मुस्तफा ने दावा किया कि वह एक विधायक का निजी सहायक (पीए) है और उसके राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब इस व्यक्ति पर भी पुलिस अधिकारी की तरह आरोप लगेंगे और उसकी भूमिका की भी जांच की जाएगी. मामले की गहराई को देखते हुए अब एक एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया है, जो पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच करेगी.


