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उद्योगपतियों को नहीं, आम जनता को मिले GST तार्किकरण का सही लाभ... हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र से की मांग

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जीएसटी दरों के तार्किक सुधार के दौरान राज्यों की वित्तीय सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने केंद्र से मुआवजे और अतिरिक्त कर लगाने की मांग की ताकि राज्यों को हुए नुकसान की भरपाई हो सके. साथ ही बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए केंद्र से सहायता की भी अपील की. उनका कहना है कि राज्यों की आर्थिक स्वतंत्रता देश की मजबूती के लिए जरूरी है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Harpal Singh Cheema : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि जीएसटी दरों को तार्किक बनाने के वर्तमान प्रस्ताव के तहत राज्यों की वित्तीय स्थिरता को नुकसान न पहुंचे. उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी है कि इस सुधार का लाभ सीधे आम जनता, खासकर महंगाई का सामना कर रहे गरीब लोगों तक पहुंचे, न कि बड़े कॉर्पोरेट संस्थानों तक. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जीएसटी दरों में बदलाव बिना राज्यों के वित्तीय हितों की सुरक्षा के लागू किया गया, तो इससे राज्यों की आर्थिक हालत खराब होगी और देश की संघीय व्यवस्था भी कमजोर पड़ेगी, जो कि बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है.

वित्तीय सुरक्षा के लिए मुआवजे की व्यवस्था

एडवोकेट चीमा के मुताबिक, जीएसटी दरों में बदलाव के साथ-साथ राज्यों के वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए एक मजबूत व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि लग्जरी वस्तुओं पर अतिरिक्त कर (एडिशनल लेवी) लगाया जाना चाहिए और कम से कम पाँच वर्षों तक राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए. इसके बाद भी यदि राज्यों की आय में कमी पूरी नहीं होती है, तो इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने का प्रावधान होना चाहिए. उनका मानना है कि ऐसे संतुलित कदम से ही राज्यों की आर्थिक संप्रभुता बचाई जा सकती है और जीएसटी सुधार सही तरीके से लागू हो पाएगा.

GST लागू होने के बाद राज्यों को भारी नुकसान 
वित्त मंत्री ने बताया कि 2017 में जीएसटी लागू करते समय इसका मकसद वित्तीय निष्पक्षता को बढ़ावा देना था. लेकिन लागू होने के बाद राज्यों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य को अब तक लगभग 1.11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि केंद्र ने इसके मुआवजे के तौर पर लगभग 60 हजार करोड़ रुपये ही दिए हैं. बाकी की रकम की भरपाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जो चिंताजनक है.

लग्जरी वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगाने की मांग
चीमा ने कहा कि बैठक में सभी राज्यों की ओर से केंद्र से यह भी कहा गया कि लग्जरी वस्तुओं के साथ-साथ सिगरेट और शराब जैसी वस्तुओं पर अतिरिक्त कर लगाया जाए और उससे मिलने वाली आय सीधे राज्यों को दी जाए. इससे दरों के तार्किक बनाने से उत्पन्न होने वाली आय में कमी को पूरा किया जा सके. इससे राज्यों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी और वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभा पाएंगे.

राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता बनाए रखना आवश्यक
हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से यह भी अपील की कि वह राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारियों को समझे और उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को कम न करे. उन्होंने कहा कि केंद्र को यह मानना चाहिए कि राज्य अगर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे तभी देश भी मजबूत बनेगा. इसलिए राज्यों के आय के स्रोत सुरक्षित रहना आवश्यक है और इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि पंजाब इस मामले में सभी राज्यों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है.

बाढ़ प्रभावित पंजाब के लिए केंद्र से मदद की अपील
बाढ़ की वर्तमान स्थिति पर बोलते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा के दौरान केंद्र सरकार को राज्य की पूरी मदद करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए पूरी मेहनत कर रही है और केंद्र से राज्य के नुकसान का आकलन कर विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग की जाएगी. यह कदम बाढ़ पीड़ितों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा.

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30 August 2025, 12:28 PM IST

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