Operation Kalanemi: देहरादून की सड़कों पर घूम रहे थे फर्जी बाबा, बांग्लादेशी नागरिक समेत पुलिस ने 25 को दबोचा
देहरादून की सड़कों पर साधु के वेश में घूम रहे 25 फर्जी बाबाओं को पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत गिरफ्तार किया है. इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है. ये सभी लोग बिना किसी धार्मिक या ज्योतिषीय ज्ञान और वैध दस्तावेजों के लोगों को गुमराह कर रहे थे.

Operation Kalanemi: देहरादून की सड़कों पर घूम रहे फर्जी साधुओं के खिलाफ पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी नागरिक समेत कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई ऑपरेशन कालनेमि के तहत की गई, जिसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुरू किया गया था.
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी सार्वजनिक स्थानों पर साधु के वेश में लोगों को गुमराह कर रहे थे. पुलिस की जांच में सामने आया कि इन लोगों के पास न तो कोई धार्मिक या ज्योतिषीय ज्ञान था और न ही वैध दस्तावेज. आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 170 के तहत केस दर्ज किया गया है.
धार्मिक आस्था के नाम पर धोखाधड़ी का भंडाफोड़
देहरादून पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'ऑपरेशन कालनेमि' के तहत यह कार्रवाई की गई है. इस ऑपरेशन का उद्देश्य ऐसे फर्जी बाबाओं और ठगों को पकड़ना है, जो लोगों की धार्मिक आस्था का गलत फायदा उठाकर उन्हें ठगने का प्रयास कर रहे हैं.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है, जिसकी पहचान ढाका के टांगाइल जिले के रहने वाले 26 वर्षीय रुकन रकाम उर्फ शाह आलम के रूप में हुई है. उस पर विदेशियों से संबंधित अधिनियम (Foreigners Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आरोपियों की पहचान
अन्य आरोपियों की पहचान उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और असम जैसे राज्यों के रहने वालों के रूप में हुई है. पुलिस अब इन सभी की पृष्ठभूमि और आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि ये लोग देहरादून में धार्मिक वेश धारण कर आम जनता को धोखा देने की मंशा से आए थे.
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध साधु या बाबा की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें. पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि जो भी व्यक्ति धार्मिक चोले में जनता को गुमराह करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जारी रहेगा ऑपरेशन कालनेमि
देहरादून पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन कालनेमि आगे भी जारी रहेगा ताकि आमजन की धार्मिक भावनाओं का शोषण करने वालों को समय रहते पकड़ा जा सके. अधिकारियों ने कहा, "धार्मिक आस्था के नाम पर धोखाधड़ी करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि सामाजिक विश्वास के साथ भी विश्वासघात है. ऐसे लोगों के खिलाफ हमारी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी."


