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पंजाब के डॉक्टरों के लिए खुशखबरी! अब 65 साल तक नहीं होगा रिटायरमेंट, मान सरकार ने दी मंजूरी

पंजाब सरकार ने राज्य के मेडिकल ऑफिसरों, स्पेशलिस्ट डॉक्टरों और डेंटल फैकल्टी की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी है. यह फैसला अनुभवी चिकित्सकों की विशेषज्ञता का अधिक समय तक लाभ उठाने के उद्देश्य से लिया गया है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Punjab Doctors Retirement Age: पंजाब सरकार ने चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के तहत आने वाले मेडिकल और डेंटल फैकल्टी के रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 65 साल कर दिया है. अब तक यह आयु सीमा 62 वर्ष थी, लेकिन अब सरकार ने वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुभव का लाभ लंबे समय तक लेने के उद्देश्य से यह बड़ा फैसला लिया है.

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को इस फैसले की घोषणा की. उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग की ओर से वित्त विभाग को भेजा गया था, जिसे अब आधिकारिक मंजूरी दे दी गई है.

मेडिकल और डेंटल फैकल्टी के लिए समान नीति

वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि इस फैसले से सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों, विशेष रूप से अमृतसर और पटियाला में कार्यरत मेडिकल टीचिंग फैकल्टी की ही तरह अब डेंटल फैकल्टी की सेवा अवधि भी 65 वर्ष तक बढ़ा दी गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय पंजाब डेंटल एजुकेशन (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 2016 के तहत आने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों और डेंटल फैकल्टी पर लागू होगा.

113 प्रोफेशनल्स को मिलेगा सीधा लाभ

चीमा ने बताया कि इस निर्णय से 113 प्रोफेशनल्स को सीधे लाभ मिलेगा, जिसमें 112 डेंटल टीचिंग फैकल्टी सदस्य और एक जॉइंट डायरेक्टर शामिल हैं. उन्होंने कहा, "इस फैसले का मुख्य उद्देश्य इन अनुभवी चिकित्सा विशेषज्ञों की विशेषज्ञता का लंबे समय तक लाभ उठाना है, जिससे चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग की कार्यक्षमता और गुणवत्ता में सुधार होगा."

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद

सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से पंजाब में मेडिकल एजुकेशन सिस्टम को मजबूती मिलेगी. अनुभवी शिक्षकों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं लंबे समय तक उपलब्ध रहने से मेडिकल स्टूडेंट्स को अधिक मार्गदर्शन मिलेगा और साथ ही मरीजों को बेहतर इलाज भी मिल सकेगा.

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30 July 2025, 12:35 PM IST

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