score Card

पंजाब में शिक्षा की नई क्रांति: फिनलैंड मॉडल से बदली सरकारी स्कूलों की तस्वीर, नई सोच से संवर रहा लाखों बच्चों का भविष्य

पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में फिनलैंड के खुशी-आधारित शिक्षा मॉडल को अपनाकर सरकारी स्कूलों में बड़ा बदलाव शुरू किया है. 200 से अधिक शिक्षकों को फिनलैंड में विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिससे कक्षाओं में गतिविधि-आधारित, तनाव-मुक्त और व्यावहारिक शिक्षा को बढ़ावा मिला.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

पंजाब : मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों में एक ऐसी शिक्षा क्रांति शुरू की है, जो बच्चों के भविष्य को पूरी तरह से बदलने का वादा करती है. लंबे समय से चली आ रही रट्टा सिस्टम वाली पुरानी पद्धति को छोड़कर राज्य ने फिनलैंड के 'हैप्पीनेस-फर्स्ट' मॉडल को अपनाया है, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को बोझ रहित, आनंदमय और उत्साहपूर्ण वातावरण में सीखने का अवसर देना है. यह मॉडल बच्चों की मानसिक सेहत, भावनात्मक विकास और रचनात्मक सोच को बढ़ाने पर केंद्रित है.

स्कूलों में गुणवत्ता की नई शुरुआत

इस शिक्षा क्रांति का सबसे मजबूत आधार है सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड में प्रशिक्षित करना. अब तक 200 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों को फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कू में 15-दिवसीय विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा जा चुका है. पहला बैच अक्टूबर 2024 में, दूसरा मार्च 2025 में और तीसरा नवंबर 2025 में रवाना किया गया. यह कदम न सिर्फ शिक्षकों के कौशल में सुधार ला रहा है, बल्कि सरकारी स्कूलों में वैश्विक स्तर की शिक्षा संस्कृति भी स्थापित कर रहा है.

कक्षा का नया माहौल, छोटे ब्रेक, बड़ा असर
फिनलैंड से लौटकर शिक्षकों ने स्कूलों में गतिविधि-आधारित और बच्चे-केंद्रित वातावरण तैयार किया है. अब हर दो पीरियड के बाद छात्रों को छोटा ब्रेक मिलता है, जिससे उनकी एकाग्रता कई गुना बढ़ गई है. बच्चों को अब अधिक ऊर्जा, बेहतर ध्यान और खुशी के साथ पढ़ाई करने का मौका मिल रहा है.

व्यावहारिक शिक्षा की दिशा में बड़ा बदलाव
नए मॉडल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि पढ़ाई अब किताबों से निकलकर जमीन पर आ रही है. बच्चों को धान की रोपाई देखने खेतों में ले जाया गया, ताकि वे खेती को समझ सकें. बाढ़ वाले इलाकों का दौरा कराकर उन्हें पर्यावरण संरक्षण का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया. यह अनुभव-आधारित शिक्षा छात्रों में गहरी समझ विकसित कर रही है. लड़के सिलाई और लड़कियाँ वेल्डिंग जैसे कौशल सीख रही हैं पुरानी सोच टूट रही है और भविष्य के लिए आवश्यक कौशल विकसित हो रहे हैं.

स्कूल और घर का मजबूत संबंध
पटियाला के कपूरी गाँव में 'मॉम वर्कशॉप्स' ने शिक्षा में अभिभावकों की भूमिका को मजबूत किया है. माताएँ बच्चों के साथ गतिविधियों में भाग लेकर उनकी पढ़ाई का हिस्सा बन रही हैं. यह पहल परिवार और स्कूल को एक मजबूत साझेदार बनाती है.

तनाव-मुक्त स्कूल, उपस्थिति में बढ़ोतरी
अब नोटबुक भरवाने या सख्त अनुशासन पर जोर कम है. बच्चे रंग भरने, मॉडल बनाने और खेल के ज़रिए सीखते हैं. इस बदलाव से छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है और स्कूल आने का उत्साह भी. बच्चों की खुशी को बढ़ाने के लिए ‘जंबो’ नाम का गुब्बारा छात्र बनाया गया, जो स्कूल में आकर्षण का केंद्र रहा.

स्थायी परिवर्तन की तैयारी, जनवरी 2026 से बड़ा विस्तार
शिक्षा सचिव अनिंदिता मित्रा ने स्पष्ट किया है कि जनवरी 2026 से फिनलैंड से लौटे शिक्षक पूरे राज्य में अपने साथियों को प्रशिक्षण देंगे. साथ ही, साइकोमेट्रिक लैब, लाइफ-स्किल्स आधारित पाठ्यक्रम और फिनलैंड के साथ मिलकर अध्ययन सामग्री बनाने की योजना पर भी तेजी से काम हो रहा है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के विजन ने पंजाब के सरकारी स्कूलों को भविष्य-उन्मुख शिक्षा मॉडल का अग्रदूत बना दिया है. यह सिर्फ बदलाव नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत नींव का निर्माण है.

calender
03 December 2025, 12:43 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag