पंजाब में आश्रित बच्चों का भविष्य सुरक्षित, सरकार ने 314 करोड़ रुपये की दी वित्तीय मदद
पंजाब सरकार ने आश्रित और अनाथ बच्चों के सुरक्षित, सम्मानजनक और सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं.

पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार हर वर्ग के नागरिकों, विशेषकर बच्चों की भलाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में आश्रित और अनाथ बच्चों के सुरक्षित, सम्मानजनक और सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं.
बलजीत कौर ने क्या कहा?
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार अब तक राज्य के आश्रित और अनाथ बच्चों के लिए कुल 314.22 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर चुकी है. इस पहल से हजारों बच्चों को न केवल आर्थिक सुरक्षा मिली है, बल्कि उनके जीवन में स्थिरता और आत्मनिर्भरता भी आई है.
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के 2,37,406 आश्रित और अनाथ बच्चों को नियमित वित्तीय सहायता दी जा रही है. इसका उद्देश्य बच्चों को शिक्षा और अन्य जीवनोपयोगी संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और एक सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर भविष्य की ओर बढ़ सकें.
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आश्रित और अनाथ बच्चे केवल सरकारी आंकड़े नहीं हैं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी हैं. उन्होंने कहा कि मान सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी बच्चा आर्थिक कठिनाइयों या उपेक्षा के कारण अपनी पढ़ाई और सपनों से वंचित न रहे. सरकार प्रत्येक बच्चे के साथ संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ खड़ी है.
21 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को मिलेगा लाभ
डॉ. बलजीत कौर ने आगे बताया कि इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलेगा जिनकी आयु 21 वर्ष से कम है और जिनके माता-पिता या तो नहीं हैं या अनुपस्थित हैं या शारीरिक व मानसिक अक्षमता के कारण परिवार की देखभाल करने में असमर्थ हैं. इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि आर्थिक या पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद बच्चे अपनी शिक्षा और विकास के अवसरों से वंचित न हों.
मंत्री ने यह भी कहा कि मान सरकार की यह पहल केवल वित्तीय मदद तक सीमित नहीं है. यह बच्चों के सुरक्षित, सम्मानजनक और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में राज्य की स्पष्ट और दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस योजना से न केवल उनकी जीवनशैली में सुधार हुआ है, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर और सम्मानजनक स्थान पाने का अवसर भी मिला है.


