यूपी के पांच जिलों में राशन कार्ड घोटाला, अब पूरे प्रदेश में मचेगी खलबली
उत्तर प्रदेश के पांच जिलों—मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, संभल और रामपुर—में अन्त्योदय राशन कार्ड को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जांच में 25% कार्ड अपात्रों के नाम पर जारी पाए गए. अब पूरे राज्य में राशन कार्डों की जांच और सत्यापन का आदेश जारी किया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल में गरीबों को मिलने वाले अन्त्योदय राशन कार्डों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस खुलासे के बाद प्रदेश सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में अन्त्योदय राशन कार्डों की जांच और सत्यापन के आदेश जारी कर दिए हैं.
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर IAS आञ्जनेय कुमार सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त्योदय कार्डधारकों की पात्रता को लेकर संदेह जताया और इसकी जांच के आदेश दिए. उन्होंने मंडल स्तरीय अधिकारियों, क्षेत्रीय नायब तहसीलदारों और खंड विकास अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जांच शुरू करवाई. खास बात यह रही कि जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग के किसी भी अधिकारी को जांच में शामिल नहीं किया गया.
पांच जिलों में जांच, 4,343 कार्डों का सत्यापन
यह जांच मुरादाबाद मंडल के पाँच जिलों—मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर, संभल और रामपुर—में कराई गई. इसके तहत हर ब्लॉक की एक ग्राम पंचायत को सैंपल के तौर पर चयनित किया गया और कुल 50 ग्राम पंचायतों से 95 उचित दर विक्रेताओं की दुकानों पर प्रचलित अन्त्योदय कार्डों की जांच की गई. जांच के दौरान जनपद संभल में 842, रामपुर में 1,273, अमरोहा में 733, मुरादाबाद में 1,043 और बिजनौर में 452 अन्त्योदय कार्डों का सत्यापन किया गया. इस तरह कुल 4,343 कार्डों की जांच हुई.
1,063 अपात्र लाभार्थी चिन्हित
जांच में हैरान करने वाला खुलासा यह हुआ कि कुल सत्यापित 4,343 कार्डों में से 1,063 कार्ड अपात्र लोगों के नाम पर जारी पाए गए. जनपद संभल में सबसे ज्यादा 307 अपात्र कार्ड मिले, उसके बाद मुरादाबाद में 249, रामपुर में 232, बिजनौर में 185 और अमरोहा में 120 अपात्र कार्डधारक पाए गए.
आगे की कार्रवाई की तैयारी
इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन ने ऐसे सभी अपात्र कार्डधारकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. वहीं सरकार ने पूरे प्रदेश में इस तरह के घोटालों की आशंका को देखते हुए राज्यव्यापी सत्यापन का आदेश दिया है. यह मामला न केवल भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों तक पहुंचने के बजाय गलत हाथों में चला जाता है. आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं.


