RBSC 10th Result 2025: बस कंडक्टर की बेटी ने चलाया टैलेंट का पहिया, 10वीं बोर्ड एग्जाम में किया टॉप
RBSC 10th Result 2025: राजस्थान बोर्ड के नतीजों में इस बार सीकर की स्नेहा सागर ने 96.17% अंक हासिल कर टॉप किया है. जयपुर में पढ़ाई करने वाली और बस कंडक्टर की बेटी स्नेहा ने साबित किया कि मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम तक पहुंचा जा सकता है.

RBSC 10th Result 2025: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है और इस बार भी लड़कियों ने बाजी मारते हुए लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है. कुल 93.60% छात्र सफल घोषित किए गए हैं, जिनमें 94.08% लड़कियां और 93.16% लड़के पास हुए हैं. इसी बीच एक नाम पूरे राज्य में चर्चा का केंद्र बन गया है सीकर जिले के डांसरोली गांव की स्नेहा सागर का, जिन्होंने 96.17% अंक प्राप्त कर सबको चौंका दिया है.
स्नेहा जयपुर में रहकर एक निजी स्कूल में पढ़ाई कर रही थीं और मेधावी कोचिंग क्लासेज से गाइडेंस ले रही थीं. उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया. स्नेहा एक साधारण परिवार से हैं, उनके पिता राजेंद्र सागर जयपुर में लो फ्लोर सिटी बस में कंडक्टर हैं और माता ममता देवी एक गृहणी हैं.
टॉप रैंकिंग में स्नेहा की चमक
स्नेहा ने बोर्ड परीक्षा में हिंदी में 100, साइंस में 99, गणित में 98, सामाजिक विज्ञान में 95, संस्कृत में 94 और इंग्लिश में 91 अंक प्राप्त किए. कुल मिलाकर उन्होंने 600 में से 577 अंक हासिल किए हैं और अपने स्कूल में टॉप किया है.
माता-पिता और स्कूल को सफलता का श्रेय
स्नेहा ने अपनी इस शानदार सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और स्कूल को दिया है. उन्होंने बताया, "स्कूल से आने के बाद मैं रोजाना 6 घंटे सेल्फ स्टडी करती थी. घर का माहौल बहुत सकारात्मक था और माता-पिता ने हर कदम पर मेरा साथ दिया."
स्नेहा की मां ममता देवी ने कहा, "वह हर दिन एक तयशुदा रूटीन से पढ़ाई करती थी, और मोबाइल से दूरी बनाए रखती थी." वहीं उनके पिता राजेंद्र सागर ने बताया, "अगर कोई डाउट होता था तो वह सिर्फ उसी समय के लिए मोबाइल का उपयोग करती थी और ऑनलाइन माध्यम से अपनी शंका दूर करती थी."
JEE और IIT की तैयारी का सपना
स्नेहा से आगे की पढ़ाई के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया, "मैं 11वीं में गणित विषय लूंगी और JEE की तैयारी कर देश की टॉप IIT कॉलेज में जाना चाहती हूं. मैं मेहनत करती रहूंगी और अपने परिवार की पहली इंजीनियर बनूंगी."
स्नेहा के पिता ने बताया कि इससे पहले भी वह कई टैलेंट सर्च परीक्षाओं में टॉप कर चुकी हैं. उनका यह संघर्ष और लगन उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं.


