"एकनाथ शिंदे जहां खड़ा होता है...फिल्मी स्टाइल में शिंदे ने उद्धव पर कसा तंज, महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल
महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिवसेना के टूटने के बाद से ही उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच तकरार जारी है. अब इस सियासी लड़ाई में एक नया ट्विस्ट आ गया है. 'कोंकण का चीता' कहे जाने वाले राजन साल्वी ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गुट का हाथ थाम लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बॉलीवुड स्टाइल में उद्धव पर तंज कसते हुए फिल्म 'कालिया' का मशहूर डायलॉग दोहराया – "एकनाथ शिंदे जहां खड़ा होता है, लाइन वहीं से शुरू होती है."

महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी घमासान तेज हो गया है. शिवसेना के बंटवारे के बाद से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच जुबानी जंग जारी है. हाल ही में 'कोंकण के चीता' कहे जाने वाले राजन साल्वी ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गुट का दामन थाम लिया. इस मौके पर एकनाथ शिंदे ने बॉलीवुड स्टाइल में उद्धव पर तंज कसते हुए फिल्म 'कालिया' का मशहूर डायलॉग बोला – "एकनाथ शिंदे जहां खड़ा होता है, लाइन वहीं से शुरू होती है." इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है.
शिंदे का 'शोले' स्टाइल तंज
शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए 'शोले' फिल्म के जेलर असरानी के अंदाज में कहा – "आधे इधर आओ, आधे उधर जाओ, बाकी मेरे पीछे आओ... लेकिन उनके पीछे कौन है, ये उन्हें खुद नहीं पता." शिंदे के इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है.
शिवसेना में 'ऑपरेशन टाइगर' की गूंज
शिवसेना (UBT) के नेता लगातार 'ऑपरेशन टाइगर' की चर्चा कर रहे हैं, जिसके तहत उद्धव सेना के सांसदों और विधायकों को तोड़कर अपनी ओर लाने की कोशिशें जारी हैं. राजन साल्वी की शिवसेना में एंट्री इसी ऑपरेशन का पहला कदम मानी जा रही है.
राजन साल्वी की बगावत
रत्नागिरी जिले के राजापुर विधानसभा क्षेत्र से 2009 से 2024 तक विधायक रहे राजन साल्वी ने हाल ही में उद्धव सेना से नाता तोड़ लिया. साल 2024 के विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे, जिसके बाद से वह पार्टी नेतृत्व से नाराज थे. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदरूनी माहौल और राजनीति के कारण वह अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे थे.
शिंदे की 'जनसेवा' लाइन
शिंदे ने अपने मंत्रियों को साफ कहा कि जनता की सेवा ही उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने उद्धव ठाकरे को सलाह दी कि वह पार्टी छोड़कर गए नेताओं पर आरोप लगाने की बजाय आत्मचिंतन करें.
महादजी शिंदे विवाद और संजय राउत पर हमला
दिल्ली में आयोजित 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में शरद पवार ने एकनाथ शिंदे को 'महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया. इस पर संजय राउत ने नाराजगी जताई और कहा कि महाराष्ट्र को कमजोर करने वालों को सम्मानित करना गलत है.
शिंदे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, "जो लोग मुझसे नफरत करते हैं, वे महादजी शिंदे और शरद पवार जैसी महान हस्तियों का भी अपमान कर रहे हैं. यह पेट दर्द कभी खत्म नहीं होगा, क्योंकि जो लोग 'कंपाउंडर' पर निर्भर हैं, उन्हें अच्छे डॉक्टर को दिखाना चाहिए." शिंदे का यह बयान सीधे तौर पर संजय राउत पर तंज था.
कोंकण का चीता और शिवसेना का नया गणित
राजन साल्वी को 'कोंकण का चीता' बताते हुए शिंदे ने कहा कि यह क्षेत्र बालासाहेब ठाकरे को हमेशा प्रिय था और उनकी सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगी. शिंदे ने दावा किया कि अब उनकी पार्टी ही असली शिवसेना है और इसमें काम करने वाला ही शीर्ष पर पहुंचेगा.
राजन साल्वी ने शिंदे को अपना 'राजनीतिक गुरु' बताते हुए कहा कि उनके साथ 700 से अधिक कार्यकर्ता भी शिवसेना में शामिल हो गए हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव में उद्धव गुट सिर्फ 20 सीटें जीत सका था, जबकि शिंदे सेना ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी.


