MP में अंधविश्वास का खौफनाक खेल! तांत्रिक ने मासूम पर किया जुल्म, आग में लटकाकर झुलसाया आंख
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक स्वयंभू तांत्रिक ने छह महीने के बच्चे को आग पर उल्टा लटका दिया, जिससे उसकी आंखों की रोशनी लगभग चली गई. यह घटना 13 मार्च को हुई, जिससे बच्चे का चेहरा और आंखें बुरी तरह जल गई. बच्चे का फिलहाल जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है.

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से अंधविश्वास से जुड़ा एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक स्वयंभू तांत्रिक ने 6 महीने के मासूम को आग पर उल्टा लटका दिया. इस दर्दनाक घटना में बच्चे की आंखें बुरी तरह जल गईं और उसकी रोशनी जाने का खतरा बना हुआ है. माता-पिता ने पहले इस घटना को छिपाने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी तांत्रिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
झाड़-फूंक के नाम पर अत्याचार
यह घटना 13 मार्च को हुई, जब बच्चे की मां उसे एक तांत्रिक रघुवीर धाकड़ (50) के पास लेकर गई, क्योंकि वह अपने बच्चे की बीमारी को लेकर परेशान थी. झाड़-फूंक के नाम पर रघुवीर ने बच्चे को पकड़कर आग पर उल्टा लटका दिया, जिससे उसका चेहरा और आंखें बुरी तरह जल गईं.
बच्चे की हालत गंभीर
घटना के तुरंत बाद मां अपने बच्चे को लेकर शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत इलाज शुरू किया. जिला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि बच्चे की दोनों आंखों के कॉर्निया जल गए हैं. डॉक्टरों के अनुसार, अगले 72 घंटों में यह तय होगा कि उसकी आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है या नहीं.
अंधविश्वास को छिपाने की कोशिश
जब यह मामला प्रकाश में आया, तो माता-पिता ने पहले दावा किया कि बच्चा चाय बनाते समय दुर्घटनावश आग में गिर गया था. हालांकि, जब पुलिस ने गहन जांच की, तो सच्चाई सामने आ गई और तांत्रिक रघुवीर धाकड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.
आरोपी तांत्रिक फरार
इस भयावह घटना की गंभीरता को देखते हुए कोलारस पुलिस ने तांत्रिक रघुवीर धाकड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. हालांकि, वह अभी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है. यह घटना बताती है कि आज भी कई इलाकों में अंधविश्वास किस कदर हावी है और कैसे मासूम इसकी चपेट में आ जाते हैं. प्रशासन और समाज को मिलकर ऐसे ढोंगी बाबाओं और तांत्रिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में कोई और मासूम ऐसी क्रूरता का शिकार न हो.


