पार्टी से बाहर हुए तेज प्रताप की नई राह! क्या सपा के टिकट पर लड़ेंगे बिहार चुनाव? अटकलें तेज
बिहार की राजनीति में इस वक्त बड़ा उबाल देखने को मिल रहा है. लालू प्रसाद यादव द्वारा अपने बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर किए जाने के बाद अब सवाल ये उठ खड़ा हुआ है कि तेज प्रताप आगे क्या करेंगे. ऐसे में तेज प्रताप की एक वीडियो कॉल ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.

बिहार की सियासत इन दिनों बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा अपने बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार दोनों से बाहर किए जाने के बाद अब हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि तेज प्रताप अगला राजनीतिक कदम क्या उठाने वाले हैं. तेज प्रताप खुद भी इस बदलाव को लेकर सक्रिय हो गए हैं और अपने करीबी समर्थकों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर चुके हैं.
25 जून को तेज प्रताप ने कई अहम रणनीतिक बैठकें कीं, जिनके बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि वे जल्द ही समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो सकते हैं. इतना ही नहीं, कहा जा रहा है कि वे सपा के टिकट पर ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं. इस चर्चा को और बल तब मिला जब तेज प्रताप ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ हुई वीडियो कॉल की बातचीत को सार्वजनिक किया.
अखिलेश यादव संग बातचीत ने बढ़ाई हलचल
तेज प्रताप यादव ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि उनकी अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर बातचीत हुई. इस बातचीत में दोनों नेताओं ने बिहार की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तृत चर्चा की. अखिलेश यादव जी ने मेरा हालचाल लिया, जिससे यह विश्वास मिला कि मैं अपनी लड़ाई में अकेला नहीं हूं.
तेज प्रताप के इस बयान के बाद यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि वे जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं. जानकारों का मानना है कि लालू परिवार से दूरी बनने के बाद तेज प्रताप को एक नए राजनीतिक प्लेटफॉर्म की तलाश थी और समाजवादी पार्टी उनके लिए एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रही है.
तेज प्रताप की रणनीति में नया मोड़?
तेज प्रताप यादव के करीबी सूत्रों के मुताबिक वे इन दिनों लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं और अपनी नई राजनीतिक दिशा को लेकर सक्रियता दिखा रहे हैं. उनकी रणनीति साफ है कि वे बिहार में अपने दम पर एक नई पहचान बनाना चाहते हैं, चाहे वह किसी नई पार्टी में जाकर हो या स्वतंत्र रूप से. समाजवादी पार्टी की विचारधारा से तेज प्रताप की पुरानी निकटता भी किसी से छिपी नहीं है. दोनों पार्टियां सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों की राजनीति पर फोकस करती हैं, ऐसे में यह गठजोड़ स्वाभाविक भी माना जा रहा है.
क्या सपा बिहार में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है?
बिहार में समाजवादी पार्टी की अब तक सीमित उपस्थिति रही है, लेकिन तेज प्रताप जैसे लोकप्रिय चेहरे के जुड़ने से सपा को राज्य में पैर जमाने का मौका मिल सकता है. वहीं तेज प्रताप को भी एक ऐसा मंच मिल सकता है जहां वे बिना पारिवारिक दबाव के राजनीति कर सकें. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आने वाले दिनों में अगर तेज प्रताप औपचारिक रूप से सपा का दामन थामते हैं, तो बिहार की राजनीति में नया समीकरण बन सकता है.


