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कांप उठी उत्तराखंड की धरती, बादल फटने से हाहाकार, तबाही देख लोग बोले– लौट आई 2013 की केदारनाथ त्रासदी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से भारी तबाही मची. कई घर बह गए, चार लोगों की मौत हुई और दर्जनों लापता हैं. सेना और राहत दल रेस्क्यू में जुटे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संवेदना जताई और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. इस हादसे ने एक बार फिर केदारनाथ की 2013 की त्रासदी की याद दिला दी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को एक बड़ा प्राकृतिक हादसा हुआ. गंगोत्री धाम और मुखवा गांव के पास भारी बारिश के कारण बादल फट गया, जिससे एक नाला उफान पर आ गया और उसका पानी बेहद तेज़ी से नीचे के इलाकों में बहता चला गया. इस घटना में कई घर बह गए और बड़ी संख्या में लोगों का संपर्क टूट गया.

नाले में उफान से बह गई बस्तियां

धराली गांव में दोपहर करीब 1:45 बजे अचानक आई बाढ़ ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी. पानी के तेज बहाव में मकान, दुकानें, होटल और लॉज सब कुछ बह गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसा खौफनाक मंजर नहीं देखा. लोग अपने घरों से निकल भी नहीं पाए और देखते ही देखते गांव बर्बाद हो गया.


चार की मौत, दर्जनों लोग लापता
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि हादसे में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा 60-70 लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने आशंका जताई है कि 100 से ज्यादा लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं. इस हादसे से इलाके में दहशत का माहौल है.

केदारनाथ त्रासदी की याद ताजा
यह हादसा उत्तराखंड के लोगों को 2013 की केदारनाथ आपदा की याद दिला गया. उस समय भारी बारिश और बादल फटने के कारण चोराबड़ी झील से पानी निकलकर मंदाकिनी नदी में बाढ़ का रूप ले लिया था, जिसमें 5000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. धराली की इस ताजा घटना ने वही दर्द फिर से जगा दिया.

सेना और प्रशासन राहत कार्य में जुटे
घटना की सूचना मिलते ही भारतीय सेना ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया. सेना का कैंप धराली से केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर है, इसलिए तुरंत मदद पहुंच सकी. अब तक 15-20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और घायलों का इलाज सेना के मेडिकल सेंटर में किया जा रहा है. SDRF और स्थानीय प्रशासन भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं, लेकिन खराब मौसम के चलते चुनौती बड़ी है.

PM मोदी और गृह मंत्री ने लिया जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की है. उन्होंने कहा कि राहत-बचाव कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर राहत कार्य की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया.

प्रशासन की तैयारी और हेल्पलाइन नंबर
जिला प्रशासन ने राहत कार्य को तेज़ करते हुए दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं — 01374-222126 और 94565-56431, ताकि लोग अपने परिजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें या सहायता मांग सकें. मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और तत्काल प्रभाव से राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

भारी बारिश बनी सबसे बड़ी चुनौती
इलाके में लगातार हो रही भारी बारिश और खराब मौसम से राहत कार्यों में बाधा आ रही है. पहाड़ी इलाका होने के कारण रास्ते अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे बचाव दलों को पहुंचने में कठिनाई हो रही है. फिर भी राहत टीमें जी-जान से प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके.

यह आपदा उत्तराखंड के लिए एक और बड़ा झटका है. प्राकृतिक आपदाओं से बार-बार जूझ रहे इस पहाड़ी राज्य में मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली की आवश्यकता फिर से उजागर हुई है. फिलहाल प्रशासन, सेना और स्थानीय लोग मिलकर एकजुट होकर इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहे हैं.

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05 August 2025, 05:45 PM IST

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