202 सीटें, सरकार बनाने की तैयारी...लेकिन अब इस मुद्दे पर बीजेपी-जेडीयू में ठनी, दिल्ली दरबार में सुलझेगा मामला
बिहार में नई एनडीए सरकार के गठन को लेकर भाजपा और जेडीयू में मंत्रालयों के बंटवारे और विधानसभा अध्यक्ष पद पर तीखी चर्चा जारी है. 20 नवंबर को नई सरकार शपथ लेगी, जबकि सहयोगियों के बीच भूमिका और मंत्री पदों पर प्रारंभिक सहमति बन चुकी है.

पटनाः बिहार में नई एनडीए सरकार की संरचना को लेकर राजनीतिक गतिविधियां बेहद तेज हो गई हैं. जेडीयू और भाजपा के बीच मंत्रालयों के बंटवारे से लेकर विधानसभा अध्यक्ष पद तक कई अहम मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श जारी है. दोनों दल अपने-अपने दावों को मजबूती से सामने रख रहे हैं और इसी को लेकर दिल्ली में उच्च स्तर की बैठक होने जा रही है.
विधानसभा अध्यक्ष पद पर खींचतान
सबसे प्रमुख विवादित बिंदुओं में विधानसभा अध्यक्ष का पद शामिल है. भाजपा और जेडीयू दोनों ही इस पद पर अपना दावा ठोक रहे हैं. भाजपा चाहती है कि यह पद उसके पास ही रहे, क्योंकि पिछली विधानसभा में भी भाजपा के नंद किशोर यादव ही अध्यक्ष थे. वहीं जेडीयू का तर्क है कि गठबंधन संतुलन बनाए रखने के लिए इस बार यह पद उन्हें मिलना चाहिए. जेडीयू के नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष थे, इसलिए पार्टी अब अध्यक्ष पद की दावेदार बनना चाहती है.
मंत्रालयों के बंटवारे पर भी चर्चाओं का दौर
अध्यक्ष पद के अलावा कई बड़े मंत्रालयों को लेकर भी रस्साकशी जारी है. भाजपा नेताओं ने पटना में देर रात तक बैठक कर रणनीति तय की, जबकि जेडीयू से संजय झा और ललन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. इन बैठकों में शिक्षा, गृह, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य जैसे विभागों को लेकर दोनों दलों की प्राथमिकताएँ स्पष्ट होंगी.
सहयोगी दलों के बीच भी सहमति बनने लगी
एनडीए के छोटे सहयोगी दल लोजपा (रामविलास), हम (सेक्युलर) और रालोसपा के साथ भी भाजपा ने अलग से चर्चा की है. सूत्र बताते हैं कि नई सरकार में उनकी भूमिकाओं को लेकर भी एक प्रारंभिक सहमति बन चुकी है. प्रस्तावित फॉर्मूले के अनुसार, हर छह विधायकों के बदले एक मंत्री पद का आवंटन किया जाएगा. इससे सभी सहयोगियों को प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है.
19 नवंबर को विधायक दल की बैठकें
भाजपा और जेडीयू दोनों ने 19 नवंबर को अपने-अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है. इन बैठकों के तुरंत बाद एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री पद से लेकर मंत्रियों की सूची पर अंतिम निर्णय हो सकता है. इन सभी गतिविधियों का समापन अगले दिन होने वाला है, जब नई सरकार शपथ लेगी.
20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह
नई एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कई नए कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे. इससे पहले नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने की प्रक्रिया पर चर्चा की. वे बुधवार को औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपेंगे और एनडीए के समर्थन पत्रों के साथ बहुमत का दावा करेंगे.
बिहार की राजनीति नए मोड़ पर
एनडीए की नई सरकार के गठन के साथ बिहार की राजनीति एक नई दिशा लेने जा रही है. मंत्रालयों के बंटवारे और अध्यक्ष पद पर कोई भी निर्णय गठबंधन की भविष्य की मजबूती और स्थिरता तय करेगा. सभी की निगाहें अब दिल्ली और पटना की बैठकों पर टिकी हैं, जो यह स्पष्ट करेंगी कि नई सरकार का स्वरूप कैसा होगा.


