बिहार के इस गुफा में विराजमान हैं भोलेनाथ, सावन में लगता है भक्तों का मेला, तपस्या से कम नहीं यात्रा
सावन के पावन महीने में देशभर के शिवभक्त पवित्र स्थलों की ओर रुख करते हैं, लेकिन बिहार के रोहतास जिले में स्थित गुप्तधाम एक ऐसा तीर्थ है, जो ना सिर्फ धार्मिक आस्था बल्कि रहस्यमयी शक्ति का भी केंद्र माना जाता है. पहाड़ियों के बीच स्थित यह प्राचीन गुफा, जहां स्वयं भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं, आज भी अपने भीतर कई अनसुलझे रहस्य समेटे हुए है.

बिहार के रोहतास जिले की पहाड़ियों के बीच छिपा गुप्तधाम एक ऐसा पवित्र स्थल है, जो रहस्य, आस्था और प्रकृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है. यहां स्थित प्राचीन गुफा में स्वयं भगवान शिव विराजमान हैं. खास बात यह है कि इस गुफा की गहराई और उसमें छिपे रहस्य आज तक किसी के लिए पूरी तरह उजागर नहीं हो सके हैं.
सावन के पावन महीने में गुप्तधाम श्रद्धालुओं से गुलजार हो उठता है. हर सोमवार यहां हजारों की संख्या में भक्त गंगाजल लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. बिहार ही नहीं, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल, छत्तीसगढ़ और नेपाल से भी भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं.
गुफा में छिपा है अलौकिक रहस्य
गुप्तधाम की सबसे खास बात है वहां की रहस्यमयी प्राचीन गुफा. धार्मिक मान्यता है कि जब भस्मासुर ने भगवान शिव को ही भस्म करने का प्रयास किया, तो उन्होंने इसी गुफा में शरण ली थी. इस गुफा की गहराइयों में आज भी शिवलिंग विराजमान है और वहां एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव होता है.
सावन में हर-हर महादेव से गूंज उठता है रोहतास
सावन के सोमवार को गुप्तधाम में भक्तों की ऐसी भीड़ उमड़ती है, जो भक्ति के रंग में सराबोर हो जाती है. पूरा क्षेत्र "हर-हर महादेव" और "बोल बम" के जयघोष से गूंजता है. कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है.
प्रकृति की गोद में बसा है आध्यात्मिक सौंदर्य
गुप्तधाम सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता का अनुपम उदाहरण भी है. घने जंगल, ऊंची-नीची पहाड़ियां, हरे-भरे पेड़ और बरसात में बहते झरने इसे एक स्वर्गिक अनुभव बनाते हैं. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां की छटा मंत्रमुग्ध कर देने वाली होती है.
पैदल यात्रा भी बनती है भक्तों की तपस्या
गुप्तधाम पहुंचने का रास्ता आसान नहीं है, लेकिन श्रद्धा के सामने कठिनाई भी नतमस्तक हो जाती है. सासाराम रेलवे स्टेशन से चेनारी तक वाहन से जाना होता है, फिर वहां से पहाड़ी रास्ते पर पैदल यात्रा करनी होती है. यह यात्रा भक्तों के लिए एक तरह की तपस्या बन जाती है.
शिवलिंग के सामने ध्यान लगाना देता है चमत्कारी शांति
यहां मौजूद शिवलिंग को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है — चाहे वो विवाह हो, संतान सुख हो, नौकरी हो या रोगमुक्ति. भक्त यहां घंटों बैठकर ध्यान करते हैं और उन्हें एक गहरी मानसिक शांति का अनुभव होता है.
गुप्तधाम बना रहा है आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र
नता जा रहा है. सावन के अतिरिक्त अन्य महीनों में भी लोग यहां शिव के दर्शन और प्रकृति की गोद में कुछ सुकून के पल बिताने आते हैं.


