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अयोध्या में शोक की लहर, राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन

अयोध्या के राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया. 87 वर्ष की उम्र में उन्होंने लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली. लंबे समय से बीमार चल रहे आचार्य सत्येंद्र दास का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हुआ.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अयोध्या के राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया. उन्होंने आज सवेरे 8 बजे लखनऊ के SGPGI अस्पताल में अंतिम सांस ली. 87 वर्षीय आचार्य सत्येंद्र दास लंबे समय से बीमार चल रहे थे, और उनकी तबीयत कुछ दिन पहले अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें स्ट्रोक का अटैक पड़ा था, जिसके बाद उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी.  

आचार्य सत्येंद्र दास का निधन राम जन्मभूमि आंदोलन के एक अहम अध्याय के अंत का प्रतीक है. वे राम मंदिर के निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों के मुख्य पुजारी रहे और रामभक्ति में अडिग विश्वास रखते हुए उन्होंने अपने जीवन को समर्पित किया. उनके निधन से अयोध्या और सम्पूर्ण हिंदू समाज में शोक की लहर दौड़ गई है.  

87 साल की उम्र में निधन

आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर पूरे देश में फैल गई. वे 87 वर्ष के थे और राम जन्मभूमि आंदोलन के समय से ही अयोध्या के प्रमुख धार्मिक चेहरों में से एक थे. उनके निधन से अयोध्या में एक शून्य उत्पन्न हो गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी थी श्रद्धांजलि

4 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद एसजीपीजीआई अस्पताल पहुंचकर आचार्य सत्येंद्र दास का कुशलक्षेम लिया था. उस समय उनकी स्थिति गंभीर थी और योगी आदित्यनाथ ने उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की थी.  

धार्मिक आंदोलन में आचार्य का योगदान

आचार्य सत्येंद्र दास का राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान था. वे वर्षों तक राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी रहे और राम के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हुए कई अनुष्ठान संपन्न कराए. उनका जीवन राम भक्ति और हिंदू धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक था.  

अयोध्या में शोक की लहर

आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से अयोध्या में गहरा शोक छा गया है. उनके परिवार, भक्तों और शिष्य समुदाय के लिए यह अपूरणीय क्षति है. लोग उनके योगदान और समर्पण को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं.  

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12 February 2025, 09:57 AM IST

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