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हम आपको और टेंशन नहीं देना चाहते... सुसाइड नोट में इतना लिखकर महिला ने बच्चे संग 13वीं मंजिल से लगा दी छलांग

ग्रेटर नोएडा के बिसरख क्षेत्र में 13वीं मंज़िल से कूदकर साक्षी चावला ने मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटे दक्ष संग आत्महत्या कर ली, सुसाइड नोट में पति से माफ़ी मांगी, पुलिस जांच जारी, घटना ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर सवाल खड़े किए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया. यहां एक महिला ने अपने 11 वर्षीय बेटे के साथ 13वीं मंज़िल से कूदकर आत्महत्या कर ली. यह घटना बिसरख थाना क्षेत्र की ऐस सिटी सोसाइटी की है. आत्महत्या से पहले महिला ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने अपने पति से माफी मांगी है.

मृतकों की पहचान 

पुलिस के अनुसार मृत महिला की पहचान साक्षी चावला और उनके बेटे की पहचान दक्ष चावला के रूप में हुई है. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें साक्षी ने लिखा है कि हम दोनों आपको और तनाव नहीं देना चाहते, इसलिए ये दुनिया छोड़ रहे हैं. हमारी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है, इसका फैसला हमने खुद लिया है.

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि दक्ष मानसिक रूप से विक्षिप्त था और उसकी स्थिति के कारण साक्षी लंबे समय से तनाव में रहती थीं. अनुमान लगाया जा रहा है कि बेटे की मानसिक बीमारी ही इस आत्महत्या की मुख्य वजह बनी.

घटना के समय घर पर मौजूद था पति

पुलिस के अनुसार साक्षी का पति गुरुग्राम में नौकरी करता है, लेकिन घटना के समय वह अपने घर पर ही था. उसने बताया कि वह सुबह करीब 9 बजे जागा और साक्षी से बेटी को दवा देने के लिए कहा, जिसके बाद वह फिर कमरे में चला गया. इस बीच साक्षी ने पहले बेटे को दवा दी और फिर 13वीं मंज़िल से छलांग लगा दी. घटना की जानकारी मिलते ही सोसाइटी के लोग और सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई.

पुलिस ने शुरू की जांच

सूचना मिलते ही बिसरख थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्ज़े में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. फिलहाल पुलिस साक्षी के परिवारजनों और सोसाइटी के लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि घटना के पीछे की सच्चाई सामने आ सके. पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की भी जांच कराई जाएगी ताकि किसी भी तरह की साजिश की संभावना को नकारा जा सके.

मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल

यह मामला मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में जागरूकता की कमी को भी उजागर करता है. मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों की देखभाल बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, और अक्सर देखभाल करने वाले अभिभावक अवसाद या मानसिक दबाव का शिकार हो जाते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे परिवारों को समय पर काउंसलिंग और सामाजिक सहयोग की सख़्त आवश्यकता होती है.

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14 September 2025, 04:45 PM IST

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