इंटरव्यू से पहले चाल का टेस्ट! AI कैमरे बताएंगे-आप कॉन्फिडेंट हैं या फेकिंग
अब नौकरी सिर्फ रिज़्यूमे और इंटरव्यू से नहीं मिलेगी। कंपनियां आपकी चाल—यानि चलने के अंदाज़—को देखकर तय कर रही हैं कि आप नौकरी के लायक हैं या नहीं।

Tech News: अब इंटरव्यू से पहले आपके कदमों की निगरानी शुरू हो चुकी है। कई कंपनियां एंट्री गेट, वेटिंग एरिया और कॉरिडोर में हाई-टेक AI कैमरे लगाकर चाल की रिकॉर्डिंग कर रही हैं। आपकी चाल की गति, संतुलन और शरीर की मुद्रा से पता लगाया जा रहा है कि आप कितने आत्मविश्वासी हैं या कहीं नर्वस तो नहीं। इस डेटा से कैंडिडेट का मूड, तनाव और ईमानदारी का विश्लेषण किया जा रहा है। यानी अब चेहरा नहीं, चाल बताएगी—आप लायक हैं या नहीं।
1. चाल से होगा चुनाव
अब कंपनियां आपके कदमों की रफ्तार और लय को भी जॉब प्रोफाइल तय करने के लिए देख रही हैं। HR फर्म्स AI टूल्स की मदद से उम्मीदवार की चाल का विश्लेषण कर रही हैं। सीधी, संतुलित चाल को आत्मविश्वास का संकेत माना जा रहा है, जबकि हिचकिचाहट या असंतुलित चलने को तनाव या झिझक से जोड़ा जा रहा है। रिक्रूटमेंट का यह नया तरीका इंटरव्यू से पहले ही व्यवहारिक संकेत जुटा लेता है। अब नौकरी सिर्फ बोलने से नहीं, चलने से भी तय हो रही है।
2. जब बॉडी लैंग्वेज बने डेटा
पहले जो बातें इंटरव्यू रूम में नोट की जाती थीं, अब उन्हें मशीनें रीयल टाइम में पकड़ रही हैं। AI बेस्ड प्लेटफॉर्म चाल की गति, संतुलन, स्टेप्स की लय और शरीर की मुद्रा जैसे डेटा पॉइंट्स निकालते हैं। इन आंकड़ों को पर्सनैलिटी मैप से मिलाकर यह तय किया जाता है कि कैंडिडेट टीम प्लेयर है या नहीं, नेतृत्व क्षमता है या नहीं। कंपनियां इसे बायस-फ्री रिक्रूटमेंट का तरीका मान रही हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसके एथिकल पक्ष पर सवाल उठा रहे हैं।
3. AI को दिखता है ज्यादा
जहां इंसानी HR छोटी हरकतें नजरअंदाज़ कर सकता है, AI माइक्रो लेवल पर हर मूवमेंट को ट्रैक करता है। पैर घसीटना, कंधा झुकाना या असमंजस भरी चाल—इन सभी का विश्लेषण किया जा सकता है। कई स्टार्टअप अब ऐसी APIs बना रहे हैं जो इन मूवमेंट्स को HR टेक प्लेटफॉर्म्स से जोड़ती हैं। यह तकनीक चेहरे के हाव-भाव और आवाज़ के साथ मिलकर व्यवहार का पूरा नक्शा खींच देती है। AI अब केवल देख नहीं रहा, समझ भी रहा है।
4. फिटनेस वॉच या फीलिंग स्कैनर?
स्मार्टवॉच जो स्टेप्स गिनती है, वो अब आपकी आदतें भी बता रही है। कई कंपनियां उम्मीदवार से फिटनेस डेटा साझा करने को कह रही हैं ताकि चाल और व्यवहार का एनालिसिस हो सके। वॉकिंग पैटर्न, एनर्जी लेवल और दबाव में चाल का रुख—सब कुछ देखा जा रहा है। तेज़ चाल को जोश या तनाव से जोड़ा जाता है। आपका हाथ में बंधा बैंड अब चुपचाप जॉब प्रोफाइल बना रहा है।
5. इंटरव्यू से पहले निगरानी
कई कॉर्पोरेट दफ्तरों में अब उम्मीदवार के पहुंचते ही निगरानी शुरू हो जाती है। कैमरे आपकी एंट्री, प्रतीक्षा मुद्रा और कॉरिडोर में चाल को रिकॉर्ड करते हैं। फिर AI उस फुटेज को इंटरव्यू से पहले ही HR को भेज देता है। पहले यह तकनीक सुरक्षा के लिए थी, अब जॉब चयन का हिस्सा बन रही है। आत्मविश्वास झूठा नहीं चलेगा, अब चाल सब कुछ बता देगी।
6. चाल में छिपा कैरेक्टर
वैज्ञानिक मानते हैं कि चाल और पर्सनैलिटी में गहरा संबंध है। तेज़, सीधी चाल को बाहरीपन और ऊर्जा से जोड़ा जाता है, जबकि धीमी चाल को तनाव या अंतर्मुखता का संकेत माना जाता है। अब इन्हीं संकेतों को HR सॉफ्टवेयर में फीड किया जा रहा है। सेल्स के लिए तेज़ चाल, कस्टमर सर्विस के लिए शांत चाल—हर भूमिका के लिए चाल का एक पैटर्न तय हो रहा है। नौकरी का नया चेहरा बायोमैकेनिक्स और मनोविज्ञान का मिश्रण है।
7. नैतिकता की नई चुनौती
इस नई प्रक्रिया से सवाल भी उठ रहे हैं। क्या किसी की अनजाने में हुई हरकत से उसे जज करना सही है? क्या कैंडिडेट्स को बताया जाएगा कि उनकी चाल रिकॉर्ड हो रही है? विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इस ट्रेंड पर नियंत्रण जरूरी है वरना यह निजता का उल्लंघन कर सकता है। टेक्नोलॉजी ज़रूर बढ़ रही है, लेकिन ह्यूमन राइट्स की सीमाएं याद रखना ज़रूरी है। आपकी चाल अब आपकी पहचान है—पर किस हद तक, यह तय होना बाकी है।


