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अमित शाह ने छोड़ा जीमेल, अपनाया ज़ोहो मेल, स्वदेशी तकनीक को दी बड़ी बढ़त

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी ईमेल सेवा विदेशी प्लेटफॉर्म से हटाकर भारतीय कंपनी ज़ोहो मेल पर स्थानांतरित की, जिससे स्वदेशी तकनीकी समाधान को बढ़ावा मिला. यह कदम भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता और डेटा गोपनीयता को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अपनी ईमेल सेवाओं को विदेशी प्रदाताओं से हटाकर स्वदेशी तकनीकी कंपनी ज़ोहो मेल पर स्थानांतरित करने की घोषणा की. शाह ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की, जिसमें उन्होंने अपनी नई ईमेल आईडी amitshah.bjp@zohomail.in सार्वजनिक की और नागरिकों से भविष्य में इसी पते पर संपर्क करने का अनुरोध किया.

अपने संदेश में शाह ने क्या लिखा? 

अपने संदेश में शाह ने लिखा कि सभी को नमस्कार, मैंने ज़ोहो मेल पर स्विच कर लिया है. कृपया मेरे ईमेल पते में हुए बदलाव पर ध्यान दें. इस घोषणा के बाद उनका यह पोस्ट तेजी से वायरल हुआ और टेक समुदाय, उद्यमियों व साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की. कई लोगों ने इसे “डिजिटल आत्मनिर्भरता” की दिशा में भारत सरकार के बढ़ते कदम के रूप में देखा.

सूत्रों के मुताबिक, शाह का यह फैसला सिर्फ तकनीकी परिवर्तन नहीं, बल्कि डेटा गोपनीयता और स्थानीय नियंत्रण को प्राथमिकता देने की दिशा में एक ठोस कदम है. वैश्विक स्तर पर साइबर खतरों और डेटा लीक की घटनाओं को देखते हुए भारत सरकार धीरे-धीरे विदेशी तकनीकी दिग्गजों पर निर्भरता घटाकर स्वदेशी प्लेटफार्मों को प्रोत्साहन दे रही है.

 1996 में हुई स्थापना 

चेन्नई स्थित ज़ोहो कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित ज़ोहो मेल एक भारतीय ईमेल और उत्पादकता प्लेटफ़ॉर्म है, जिसकी स्थापना 1996 में श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस ने की थी. आज यह विश्वभर में 13 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ एक विश्वसनीय नाम बन चुका है. ज़ोहो मेल अपनी विज्ञापन-मुक्त सेवाओं, मजबूत स्पैम सुरक्षा और भारत-आधारित डेटा सर्वर के कारण सरकारी और कॉर्पोरेट दोनों क्षेत्रों के लिए आकर्षक विकल्प साबित हुआ है.

जहां गूगल का जीमेल और माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक बाजार में प्रमुख हैं. वहीं ज़ोहो मेल अपने “गोपनीयता-प्रथम” दृष्टिकोण के कारण अलग पहचान रखता है. यह प्लेटफ़ॉर्म ज़ोहो के अन्य टूल्स जैसे ज़ोहो वर्कप्लेस, सीआरएम और क्लिक के साथ एकीकृत होकर संगठनों को सुरक्षित संचार और बेहतर कार्यप्रवाह का अनुभव प्रदान करता है.

ईमेल सेवाओं के साथ ही ज़ोहो ने हाल के वर्षों में अराटाई नामक चैटिंग ऐप लॉन्च कर मैसेजिंग क्षेत्र में भी कदम रखा है, जिसे “भारतीय व्हाट्सएप” कहा जा रहा है. यह ऐप भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और डेटा सुरक्षा पर केंद्रित है.

तकनीकी आत्मनिर्भरता 

अमित शाह का यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अब तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है. यदि सरकारी संस्थान और बड़े व्यवसाय भी इस दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो यह न केवल विदेशी निर्भरता को कम करेगा बल्कि भारत में नवाचार और घरेलू टेक उद्योग को नई गति देगा.

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08 October 2025, 04:21 PM IST

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