TCS की 12,000 छंटनी के बीच कर्नाटक सरकार का बड़ा कदम, AI वर्कफोर्स पर सर्वे शुरू
देश की दिग्गज IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में 12,000 कर्मचारियों की संभावित छंटनी की खबरों के बीच कर्नाटक सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने राज्य में AI वर्कफोर्स को लेकर एक व्यापक सर्वे शुरू किया है, जिसका मकसद यह समझना है कि किस सेक्टर में कितनी नौकरियां AI से प्रभावित हो सकती हैं और किन स्किल्स की भविष्य में सबसे ज्यादा जरूरत होगी.

भारत की टॉप IT कंपनियों में मंदी की आहट और TCS द्वारा 12,000 कर्मचारियों की छंटनी के ऐलान के बीच कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. राज्य के IT मंत्री प्रियांक खड़गे ने घोषणा की है कि सरकार कंपनियों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के वर्कफोर्स पर पड़ रहे प्रभाव का मूल्यांकन कर रही है. इस सर्वेक्षण के जरिए सरकार यह समझने की कोशिश करेगी कि भविष्य में कैसे कामगारों को नौकरी के योग्य बनाए रखा जाए.
SAP Labs India के एक कार्यक्रम के दौरान प्रियांक खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम कंपनियों से बात कर रहे हैं कि ऐसा क्या किया जाए जिससे हमारी मानव संसाधन क्षमता सबसे अधिक रोजगार योग्य बन सके. हम कंपनियों के साथ मिलकर AI के प्रभाव पर एक सर्वेक्षण करवा रहे हैं, जिसे लगभग एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा.'
TCS की छंटनी ने मचाई हलचल
देश की दिग्गज IT कंपनी TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़) ने हाल ही में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है. यह छंटनी कंपनी की रणनीति का हिस्सा बताई जा रही है, जिसका उद्देश्य भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार खुद को ढालना है. TCS का कहना है कि वे AI जैसी नई तकनीकों में निवेश कर रहे हैं और अपनी वर्कफोर्स को रियलाइन कर रहे हैं. यह कदम TCS के वैश्विक वर्कफोर्स का लगभग 2% प्रभावित करेगा, विशेष रूप से मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों को.
IT सेक्टर में यूनियन की मान्यता नहीं
जब कर्नाटक राज्य IT/ITeS कर्मचारी यूनियन ने TCS के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, तब मंत्री खड़गे ने स्पष्ट किया कि राज्य IT सेक्टर में यूनियन को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देता. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, 'अगर जनता और लोग कोई चिंता जताते हैं, तो उसे संबोधित करना हमारी जिम्मेदारी है.'
FY26 की पहली तिमाही में सुस्त रफ्तार
भारत की शीर्ष IT कंपनियों ने FY26 की पहली तिमाही में एकल-अंकों की राजस्व वृद्धि दर्ज की है. विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मुख्य कारण वैश्विक मैक्रोइकॉनॉमिक अस्थिरता और क्लाइंट्स के निर्णयों में देरी है. TCS के एमडी और सीईओ के. कृतिवासन ने हाल ही में कहा कि कंपनी को 'मांग में संकुचन' का सामना करना पड़ रहा है और FY26 में दोहरे अंकों की वृद्धि की उम्मीद नहीं है.
AI का बढ़ता असर और वैश्विक ट्रेंड
भारत में जो स्थिति बन रही है, वह वैश्विक ट्रेंड को भी दर्शाती है. 2025 में माइक्रोसॉफ्ट ने 15,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है. Layoffs.fyi नामक प्लेटफॉर्म के अनुसार, 2025 में अब तक 169 कंपनियों ने 80,000 से अधिक टेक कर्मचारियों को निकाला है. वहीं, 2024 में यह आंकड़ा 1.5 लाख से अधिक रहा.
AI के दौर में सरकार का फोकस
मंत्री प्रियांक खड़गे ने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार का उद्देश्य केवल समस्या की पहचान करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का टैलेंट भविष्य में भी रोजगार के योग्य बना रहे. सरकार कंपनियों से इनपुट लेकर उन स्किल्स की पहचान करेगी जो AI के दौर में आवश्यक हैं, ताकि कौशल प्रशिक्षण और नीतियों को उसी दिशा में ढाला जा सके.


