'कट्टे का जुगाड़ कर दो... ब्राह्मण को जेल भेजना है', अमेठी दरोगा के वायरल ऑडियो से गरमाई राजनीति
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से एक चौंकाने वाला ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक दरोगा कथित रूप से यह कहते हुए सुना जा रहा है. "कट्टे का जुगाड़ कर दो... ब्राह्मण को जेल भेजना है." इस कथित बयान ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने इस ऑडियो को लेकर योगी सरकार पर सीधा हमला बोला है.

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से एक चौंकाने वाला ऑडियो सामने आया है, जिसमें एक दरोगा कथित रूप से एक ब्राह्मण युवक को जेल भेजने की साजिश रचते हुए सुना जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस ऑडियो में दरोगा एक मुखबिर से अवैध हथियार (कट्टा) की मांग कर रहे हैं, ताकि उसे सबूत बनाकर ब्राह्मण युवक को फंसाया जा सके.
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर जातिवादी राजनीति का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है. पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ एक ऑडियो नहीं, बल्कि वर्तमान शासन व्यवस्था का असली चेहरा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
दरोगा का ऑडियो वायरल
वायरल ऑडियो अमेठी के मुसाफिरखाना थाने से जुड़ा बताया जा रहा है. इसमें दरोगा हेम नारायण सिंह और एक मुखबिर हिमांशु के बीच बातचीत हो रही है. दरोगा कहते हैं, "दो घंटे के अंदर 315 बोर का कट्टा ले आओ... थाने में ब्राह्मण को बैठा रखा है, इसे जेल भेजना है... जो भी पैसा लगेगा, मिल जाएगा." इस ऑडियो के वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
पुलिस प्रशासन हरकत में, जांच शुरू
मामला सामने आने के बाद अमेठी पुलिस ने जांच के आदेश दे दिए हैं. एडिशनल एसपी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि, "ऑडियो की सत्यता की जांच कराई जा रही है. यदि आरोप सही पाए गए, तो सख्त कार्रवाई होगी." हालांकि, जनभावना टाइमस इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता, लेकिन इसकी सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा को देखते हुए मामला बेहद संवेदनशील बन गया है.
समाजवादी पार्टी ने उठाए जातीय भेदभाव के आरोप
समाजवादी पार्टी ने वायरल ऑडियो को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने कहा कि यह ऑडियो नहीं, बल्कि इस सरकार का चरित्र है. ब्राह्मण, दलित, पिछड़े और मुस्लिम—सभी को जाति के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है. सपा ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'कोई और सबूत चाहिए क्या यूपी में व्याप्त एक जाति विशेष के जातिवाद, आतंकवाद, उग्रवाद, गुंडाराज और सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार के बारे में?'
विपक्ष का वार, सरकार की चुप्पी
विपक्ष जहां इस मुद्दे को जातीय उत्पीड़न का उदाहरण बता रहा है, वहीं राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. यह मामला राजनीतिक रूप से गर्माता जा रहा है और 2024 के बाद के चुनावी माहौल में इसे एक बड़े मुद्दे के तौर पर देखा जा रहा है.
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
ऑडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा भी फूट पड़ा है. कई यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि आखिर कानून की रक्षा करने वाला एक अधिकारी कैसे किसी निर्दोष को फंसाने की साजिश रच सकता है? अमेठी से वायरल हुआ यह ऑडियो न केवल यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि कानून व्यवस्था की निष्पक्षता पर भी गहरा आघात करता है. जांच के नतीजों का अब सबको इंतजार है, लेकिन इस बीच यह मामला राजनीतिक तूफान में तब्दील होता जा रहा है.


