कभी कमाते थे लाखों अब मांग रहे भीख! IIT के बाद अब MTECH वाले बाबा का वीडियो वायरल
MTECH Baba video: महाकुंभ में कई साधु और बाबा इस वक्त सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. जहां एक ओर कुछ साधु अपनी धार्मिक बातों के लिए चर्चित हो रहे हैं, वहीं एक और बाबा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस बाबा को लोग MTech वाले बाबा कह रहे हैं. एमटेक की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने नामी कंपनियों में काम किया और लाखों रुपये कमाए, लेकिन अब उनकी कहानी कुछ अलग ही मोड़ पर पहुंच चुकी है.तो चलिए इन बाबा के बारे में जानते हैं.

MTECH Baba Viral video: महाकुंभ के धार्मिक मेले में इन दिनों साधु-संतों की अनोखी कहानियां सुर्खियों में हैं. हाल ही में आईआईटी बाबा ने सोशल मीडिया पर खूब ध्यान खींचा था, वहीं अब एक और बाबा चर्चा का विषय बने हुए हैं. एमटेक बाबा का असली नाम दिगंबर कृष्ण गिरि है, और उनकी कहानी वाकई प्रेरणा देने वाली है. एक समय में लाखों रुपये कमाने वाले और सैकड़ों लोगों को रोजगार देने वाले एमटेक बाबा अब साधु बनकर अपना जीवन बिता रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, दिगंबर कृष्ण गिरि का सफर बेहद रोचक और प्रेरणादायक है. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने बड़े पदों पर काम किया और 400 लोगों की टीम को संभालते थे. लेकिन एक दिन उन्होंने सबकुछ त्यागकर सन्यास का मार्ग चुन लिया.
तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ जन्म
दिगंबर कृष्ण गिरि का जन्म दक्षिण भारत के एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ. उन्होंने कर्नाटक यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई की और फिर देश की कई नामी कंपनियों में काम किया. उनकी आखिरी नौकरी दिल्ली में थी, जहां वह एक बड़ी कंपनी में वरिष्ठ पद पर तैनात थे.
साधु बनने का सफर
दिगंबर कृष्ण गिरि ने बताया कि साल 2010 में उन्होंने सबकुछ छोड़कर सन्यास लेने का निर्णय किया. इसके बाद उन्होंने हरिद्वार में जाकर गंगा में अपनी संपत्ति और धन का त्याग कर दिया. उन्होंने साधु का वेश धारण किया और 10 दिन तक भीख मांगी. उनका मानना था कि अधिक पैसा होने से आदतें बिगड़ जाती हैं और शांति मिलना मुश्किल हो जाता है.
निरंजनी अखाड़े से जुड़ने की कहानी
सन्यास के बाद दिगंबर कृष्ण गिरि ने सभी प्रमुख अखाड़ों को ईमेल कर उनसे जुड़ने की इच्छा जताई, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद उन्होंने निरंजनी अखाड़ा के बारे में गूगल किया और वहां पहुंच गए. निरंजनी अखाड़े में महंत राम रतन गिरी महाराज से दीक्षा लेकर उन्होंने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत की.
वर्तमान में उत्तरकाशी में करते हैं साधना
दिगंबर कृष्ण गिरि ने बताया कि 2019 में अखाड़े में आग लगने के कारण उन्होंने 2021 में अल्मोड़ा छोड़ दिया. फिलहाल वह उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव में रहकर साधना कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा, "शांति और आत्म-संतोष के लिए मैंने यह मार्ग चुना है, और अब मुझे इसमें सच्चा सुख मिलता है."
एमटेक बाबा की प्रेरक कहानी
दिगंबर कृष्ण गिरि की जीवन यात्रा एक प्रेरणा है कि पैसा और पद से ज्यादा महत्वपूर्ण आत्मिक शांति है. उनका मानना है कि त्याग और साधना से ही जीवन में सच्चा सुख प्राप्त किया जा सकता है,


