नॉनवेज नहीं, बल्कि... वो मुगल बादशाह जिनकी थाली में मांस की जगह परोसा जाता था शुद्ध शाकाहारी खाना
मुगल सम्राटों में कई शासक ऐसे भी थे जो शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता देते थे. उनके खान-पान में दाल, सब्ज़ी, फल और सादगीपूर्ण व्यंजन प्रमुख रहे.

भारत पर करीब तीन सदियों तक शासन करने वाले मुगलों की जीवनशैली हमेशा से लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी रही है. 1526 में बाबर के आगमन के साथ शुरू हुआ ये शासन 1857 की क्रांति में खत्म हुआ. इस लंबे कालखंड में मुगलों ने ना केवल किलों और बाग-बगीचों की सुंदर वास्तुकला से भारत की धरती को सजाया, बल्कि खान-पान की परंपराओं में भी कई अहम बदलाव किए.
अक्सर जब भी मुगलों का जिक्र होता है, तो लोगों के ज़ेहन में एक ऐसे शासक की छवि उभरती है जो मांसाहारी भोजन का दीवाना रहा होगा. लेकिन ये धारणा पूरी तरह सही नहीं है. इतिहास के पन्ने पलटने पर ये स्पष्ट होता है कि कई मुगल सम्राट शाकाहारी भोजन को प्राथमिकता देते थे. आइए जानते हैं उन मुगल बादशाहों के बारे में जो मांस से नहीं, बल्कि दाल, फल, सब्ज़ी और रोटी से अपनी भूख मिटाते थे.
अकबर: हलीम और शाकाहारी व्यंजनों के दीवाने
इतिहासकारों के अनुसार, सम्राट अकबर को मांसाहारी भोजन ज्यादा पसंद नहीं था. वो हफ्ते में तीन दिन पूरी तरह शाकाहारी भोजन किया करते थे. इसके लिए उन्होंने अपनी रसोई में खास व्यवस्था कर रखी थी. उनकी रसोई में तीन अलग-अलग हिस्से थे, जिनमें से एक विशेष रूप से शाकाहारी पकवानों के लिए समर्पित था.
इस शाकाहारी रसोई में दाल, चावल, सब्ज़ी और पुलाव जैसे व्यंजन तैयार किए जाते थे. अकबर को ‘हलीम’ बेहद पसंद था, लेकिन ये हलीम मांस से नहीं बल्कि दाल और सब्जियों से बनाई जाती थी. इससे पता चलता है कि उनका स्वाद भी खास था और विचार भी.
जहांगीर: शाकाहार के समर्थक और नियमों के पाबंद
जहांगीर के शासनकाल में शाकाहार को बढ़ावा देने के लिए सख्त नियम बनाए गए थे. उन्होंने गुरुवार और रविवार को पशुओं की कटाई पर पूरी तरह रोक लगा दी थी. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा दी जाती थी ताकि कोई भी व्यक्ति नियमों की अनदेखी ना कर सकें. इतिहासकारों के अनुसार, जहांगीर ने डॉक्टरों की सलाह पर शाकाहारी भोजन को अपनाया था. स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य से उन्होंने शाकाहार की ओर रुख किया और इसमें उन्हें स्वाद की भी कमी नहीं लगी.
औरंगजेब: सादगी पसंद बादशाह
औरंगजेब के बारे में कहा जाता है कि वे बेहद सादगी पसंद सम्राट थे. उनके भोजन में शाकाहारी व्यंजन प्रमुखता से शामिल रहते थे. उन्हें पनीर के कोफ्ते, गेहूं से बने कबाब और पुलाव बहुत पसंद थे. इसके अलावा, औरंगजेब को फल अत्यंत प्रिय थे. उनके लिए रोजाना कई प्रकार के ताजे फल परोसे जाते थे, जिन्हें वे बड़े चाव से खाते थे. इससे साफ है कि उनका झुकाव मांसाहार की बजाय शुद्ध शाकाहारी भोजन की ओर था.


