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Video: यहां मिला तक्षक नाग, 100 फीट की लगाता है छलांग

Takshak naag: आपने पौराणिक कथाओं में तक्षक नाग का जिक्र तो सुना होगा. सोशल मीडिया पर झारखंड के रांची का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में एक सांप हवा में छलांग लगता नजर आ रहा है. लोगों का मानना है कि ये तक्षक नाग का वंसज है. दरअसल ऑरनेट फ्लाइंग स्नेक नाम का ये सांप तक्षक नाग से मिलती-जुलती एक प्रजाति का सांप है. हालांकि लोगों का कहना है कि ये तक्षक नाग का ही वंसज है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Takshak naag: झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम स्थित एक स्वास्थ्य केंद्र में दुर्लभ प्रजाति का सांप मिलने से हड़कंप मच गया. यह सांप ऑरनेट फ्लाइंग स्नेक है, जिसे पौराणिक कथाओं में वर्णित तक्षक नाग से जोड़कर देखा जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह सांप पेड़ों के बीच 50 से 100 फीट की छलांग लगाने में सक्षम है. इसे देश में रेयर कैटेगरी में रखा गया है और यह विलुप्ति के कगार पर है. फिलहाल, इसे बिरसा जूलॉजिकल पार्क के स्नेक हाउस में सुरक्षित रखने की तैयारी की जा रही है.

रविवार को नामकुम के स्वास्थ्य केंद्र में दवा के कार्टन से इस दुर्लभ प्रजाति के सांप का रेस्क्यू किया गया. सांप को देखकर कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई, और सभी कर्मचारी दहशत के कारण बाहर निकल गए. स्नेक कैचर रमेश कुमार महतो को बुलाया गया, जिन्होंने सावधानीपूर्वक इस सांप को पकड़ा.

झारखंड में मिला तक्षक नाग

वन्यजीव विशेषज्ञ रमेश कुमार ने बताया कि इस सांप की प्रजाति पौराणिक कथाओं में वर्णित तक्षक नाग से मिलती-जुलती है. महाभारत के अनुसार, राजा परीक्षित को तक्षक नाग ने डसा था, और यह सांप उसी वंश से संबंधित माना जा रहा है. हालांकि, इसे वैज्ञानिक रूप से ऑरनेट फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है.

100 फीट ऊंची लगाता है छलांग

ऑरनेट फ्लाइंग स्नेक अपनी अनोखी उड़ने की क्षमता और चमकदार रंगों के कारण आकर्षण का केंद्र बन गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह सांप पेड़ों के बीच 50 से 100 फीट की छलांग लगाने में सक्षम है. यह सांप पेड़ों के बीच छलांग लगाकर कीड़े-मकौड़े और छिपकलियों का शिकार करता है. इसे बहुत जहरीला नहीं माना जाता, लेकिन इसकी प्रजाति काफी दुर्लभ है.

किया गया रेस्क्यू

सांप को फिलहाल रमेश कुमार के संरक्षण में रखा गया है और इसे जल्द ही बिरसा जूलॉजिकल पार्क के स्नेक हाउस में भेजा जाएगा. वहां इसकी विशेष देखभाल की जाएगी ताकि इसकी प्रजाति को सुरक्षित रखा जा सके.

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03 December 2024, 06:16 PM IST

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