'भाई, ऐसा रहता है क्या मार्केट?' – 21 लाख की नौकरी छोड़ दी, वजह जानकर दंग रह जाएंगे!''
IIM से पढ़े एक ग्रेजुएट को सालाना 21 लाख रुपये की नौकरी मिली, लेकिन महज 10 दिन में ही उसने इस्तीफा दे दिया. वजह? जब उसे पता चला कि उसे एक साल तक सेल्स में काम करना होगा, तो उसने तुरंत रिजाइन कर दिया. इस वायरल कहानी पर सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग राय दे रहे हैं – क्या ये अहंकार था या फिर कंपनियों की जॉब ट्रांसपेरेंसी की कमी? पूरी कहानी जानकर आप भी चौंक जाएंगे!

Viral Video: आजकल सोशल मीडिया पर नौकरी से जुड़ी कहानियां खूब वायरल हो रही हैं, खासकर कॉरपोरेट दुनिया की सच्चाई उजागर करने वाली पोस्ट्स. ऐसी ही एक दिलचस्प कहानी सामने आई है, जहां एक IIM ग्रेजुएट ने महज 10 दिन में अपनी 21 लाख की नौकरी छोड़ दी. इसकी वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे!
रेडिट पर वायरल हुई कहानी
Reddit यूजर Suspicious Air 1997 ने एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने बताया कि एक कंपनी में सेल्स एग्जीक्यूटिव को IIM से निकले नए अकाउंट एग्जीक्यूटिव को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दी गई. ट्रेनिंग के दौरान उस नए एम्प्लॉयी को जब पता चला कि उसे एक साल तक सेल्स डिपार्टमेंट में काम करना होगा, तो उसने तुरंत नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया.
मैंने नहीं करना भाई ये!
रेडिट यूजर ने लिखा, 'जब मैंने उससे पूछा कि भाई, क्या हुआ? तो उसने जवाब दिया- 'यार, मैं मार्केटिंग डिवीजन में काम करूंगा और मुझे एक साल के लिए सेल्स में डाल दिया गया! ऐसा होता है क्या मार्केट में?' मैंने उसे समझाया कि हां, ऐसा ही होता है, लेकिन उसने साफ कहा, "मैंने नहीं करना भाई ये!" और 10 दिन में नौकरी छोड़ दी.
बड़ा पैकेज, लेकिन जॉब से असंतोष
इस IIM ग्रेजुएट को 21 लाख रुपये का सालाना पैकेज और 2 लाख रुपये का जॉइनिंग बोनस मिला था. बावजूद इसके, उसने सेल्स की नौकरी को स्वीकार नहीं किया और 16 लाख रुपये के पैकेज पर ऑपरेशन और सप्लाई चेन की भूमिका में चला गया.
लोगों की राय - घमंड या जॉब ट्रांसपेरेंसी की कमी?
यह पोस्ट वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई.
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कुछ लोगों ने कहा कि IIM ग्रेजुएट्स में अहंकार भरा होता है, इसलिए वे सेल्स जैसी फील्ड में काम नहीं करना चाहते.
- वहीं, कुछ ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कंपनियों को साफ-साफ बताना चाहिए कि जॉब में क्या करना होगा.
- एक यूजर ने लिखा, 'यह अजीब है कि फर्म उन्हें सही जानकारी पहले नहीं देती. अगर कोई CAT क्लियर करके IIM जाता है, तो उसे ग्राउंड-लेवल सेल्स करना शायद पसंद न आए.'
क्या कंपनियों को देना चाहिए क्लियर जॉब डिस्क्रिप्शन?
इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कंपनियों को नौकरी से जुड़ी जानकारी ज्यादा स्पष्ट रूप से देनी चाहिए? कई बड़ी कंपनियां मार्केटिंग के नाम पर सेल्स रोल के लिए हायर करती हैं, जिससे कर्मचारी खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं. इस IIM ग्रेजुएट की कहानी ने नौकरी और पैकेज से जुड़ी एक बड़ी सच्चाई उजागर की है - बड़ा पैकेज जरूरी नहीं कि मनपसंद काम भी दिलाए!


