Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में पेश करेंगी इकोनॉमिक सर्वे, जानें क्यों है जरूरी, क्या होता है इसमें खास
संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी यानी आज से हो रही है. राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगी. इकोनॉमिक सर्वे से देश की आर्थिक स्थिति का पता चलता है. यह एक तरह से पॉलिसी मेकर्स को गाइड भी करता है. इकोनॉमिक सर्वे में बीते वर्षों में देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया जाता है. इस दस्तावेज में इकोनॉमी से जुड़ी समस्याओं और चुनौतियों की भी समीक्षा होती है.

संसद के बजट सत्र की शुरूआत 31 जनवरी यानी आज से हो रही है. राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगी. यह समीक्षा चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आकलन के साथ देश के सामने आने वाली चुनौतियों को बयां करती है.
केंद्रीय बजट से पहले संसद में पेश होने वाली आर्थिक समीक्षा सुधारों और विकास का खाका भी प्रदान करती है. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम ने समीक्षा को तैयार किया है. यह अगले वित्त वर्ष के लिए दृष्टिकोण प्रदान करने के अलावा अर्थव्यवस्था और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की रूपरेखा को बयां करती है.
इकोनॉमिक सर्वे में क्या होगा खास?
इकोनॉमिक सर्वे में धीमी वृद्धि, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट और खपत के लिए कम मांग जैसी प्रमुख गतिविधियों के बारे में विस्तार से आकलन प्रदान किए जाने की उम्मीद है. गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और वित्तीय क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों को लेकर समीक्षा में प्राय: नए और लीक से हटकर विचार दिए जाते हैं.
1 दिन पहले आर्थिक सर्वे की परंपरा
देश में पहला आर्थिक सर्वे 1950-51 में पेश हुआ था. 1964 से इसे बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत करने की परंपरा शुरू हुई. इससे जनता को न केवल अर्थव्यवस्था की सही स्थिति का पता चल जाता है बल्कि कई चुनौतियों के बारे में सरकार बताती है और उन्हें दूर करने के बारे में भी सर्वे में उल्लेख मिलता है.
कौन तैयार करता है इकोनॉमिक सर्वे?
आर्थिक समीक्षा रिलीज करने से पहले वित्त मंत्री की मंजूरी लेनी होती है फिर आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है. फिर इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार चालू वित्त वर्ष का ब्यौरा पेश करते हैं. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों की इकोनॉमिक्स डिविजन इकोनॉमिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार करती है.
1 फरवरी को बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री
वित्त मंत्री शनिवार को नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी. बजट सत्र आज शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू होगा. सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू होगा और सत्र चार अप्रैल को समाप्त होगा.
क्या है इकोनॉमिक सर्वे का महत्व?
इकोनॉमिक सर्वे से देश की आर्थिक स्थिति का पता चलता है. यह एक तरह से पॉलिसी मेकर्स को गाइड भी करता है. इकोनॉमिक सर्वे में बीते वर्षों में देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण किया जाता है. इस दस्तावेज में इकोनॉमी से जुड़ी समस्याओं और चुनौतियों की भी समीक्षा होती है. इकोनॉमिक सर्वे में जीडीपी ग्रोथ, महंगाई दर, वित्तीय घाटे और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों के बारे में विस्तार से बताया जाता है.


