डॉलर से दूरी या भंडार को मजबूती? RBI की बढ़ती सोने की खरीद पर बड़ा सवाल
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल के महीनों में सोने की खरीद में भारी बढ़ोतरी की है, जिससे भारत का कुल सोना भंडार 876.18 टन तक पहुंच गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह कदम विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित रखने के लिए है, ना कि अमेरिकी डॉलर से दूरी बनाने की रणनीति.

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) हाल के दिनों में भारी मात्रा में सोना खरीद रहा है. साल 2025 में अब तक सोने की कीमतों में 10% की भारी वृद्धि दर्ज की गई है. वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते सोने को निवेश के लिए सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है, जिससे इसकी मांग और बढ़ रही है. डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने और नए टैरिफ प्लान की घोषणा के बाद से सोने की खरीदारी में और तेजी आई है. जब बाजार में अस्थिरता होती है, तो सोना सुरक्षित निवेश माना जाता है.
क्या डॉलर से दूर जाने की तैयारी कर रहा भारत?
आरबीआई द्वारा लगातार सोने की खरीद को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की योजना बना रहा है. हालांकि, जब कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में इस संबंध में सवाल पूछा, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत के बढ़ते सोने के भंडार का उद्देश्य किसी भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा को प्रतिस्थापित करना नहीं है.
सीतारमण ने बताया कि आरबीआई अपने विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित बनाए रखने के लिए सोने की खरीद कर रहा है. अमेरिकी डॉलर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा बना रहेगा, लेकिन आरबीआई अन्य मुद्राओं और सोने में भी विविधता ला रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि यह खरीदारी विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है, ना कि डॉलर से दूरी बनाने के लिए.
भारत के सोने के भंडार में बड़ा इजाफा
भारत के कुल सोने का भंडार अब 876.18 टन तक पहुंच गया है. 31 जनवरी तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 630.6 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 1.05 अरब डॉलर की वृद्धि दर्शाता है. यह लगातार दूसरा सप्ताह था जब विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हुई. सोने के भंडार में 1.2 अरब डॉलर की वृद्धि देखी गई, जिससे इसकी कुल कीमत 70.89 अरब डॉलर हो गई. साल 2024 में, आरबीआई ने सोने की खरीद में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की और 72.6 टन सोना खरीदा. यह मात्रा पिछले साल की तुलना में चार गुना अधिक थी. इस खरीदारी के साथ, भारत वैश्विक स्तर पर पोलैंड और तुर्की के बाद तीसरा सबसे बड़ा सोने का खरीदार बन गया.
2024 में रिकॉर्ड सोने की खरीद
दिसंबर 2024 तक, आरबीआई के कुल सोने का भंडार 876.18 टन तक पहुंच गया, जिसकी कीमत 66.2 अरब डॉलर थी. यह दिसंबर 2023 में 803.58 टन और 48.3 अरब डॉलर के मूल्य से कहीं अधिक था. साल 2024 में 72.6 टन सोने की खरीद 2021 के बाद की सबसे बड़ी वार्षिक खरीद थी और 2017 में आरबीआई द्वारा सोने की खरीद फिर से शुरू करने के बाद दूसरी सबसे बड़ी खरीदारी मानी जा रही है.
क्या भारत सोने पर बढ़ती निर्भरता के संकेत दे रहा है?
सोने के बढ़ते भंडार और डॉलर से जुड़े वैश्विक विमर्श के बीच, भारत की रणनीति वैश्विक मुद्रा बाजारों में अस्थिरता के बीच अपने विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित और मजबूत बनाए रखना है. हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यह कदम किसी नई वैश्विक मौद्रिक प्रणाली की ओर संकेत नहीं करता, बल्कि भारतीय रिज़र्व बैंक की सतर्क मुद्रा प्रबंधन नीति का हिस्सा है.


