ईपीएफओ ने निकासी को बनाया आसान, अब EPFO मेंबर बिना किसी दस्तावेज के निकाल सकेंगे पूरा बैलेंस
EPFO ने पीएफ निकासी प्रक्रिया को सरल बनाते हुए दस्तावेज रहित 100% निकासी की अनुमति दी है. तीन श्रेणियों में निकासी, न्यूनतम शेष राशि, और स्वचालित प्रक्रिया लागू की गई है. डिजिटल सुविधा, विश्वास योजना और EPFO 3.0 के तहत सेवाओं में पारदर्शिता, गति और सुविधा बढ़ाई गई है.

EPFO new rules 2025: कर्मचारियों की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब EPFO के सदस्य बिना कोई दस्तावेज़ जमा किए अपना पूरा पीएफ बैलेंस निकाल सकते हैं. यह निर्णय केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में 13 अक्टूबर को हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में लिया गया. इस कदम का उद्देश्य प्रक्रिया को सरल, तेज़ और अधिक पारदर्शी बनाना है.
निकासी प्रक्रिया अब और आसान
EPFO ने वर्षों पुराने 13 जटिल नियमों को खत्म कर दिया है और अब निकासी को तीन मुख्य श्रेणियों में बांट दिया गया है —
- जरूरी आवश्यकताएं (जैसे शिक्षा, बीमारी, विवाह)
- आवास संबंधी जरूरतें
- विशेष परिस्थितियां (जैसे प्राकृतिक आपदा या बेरोजगारी)
इन श्रेणियों के अंतर्गत सदस्य कर्मचारी अब कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंशदान सहित पूरा पीएफ बैलेंस निकाल सकते हैं. शिक्षा के लिए निकासी सीमा को 10 गुना और विवाह के लिए 5 गुना तक बढ़ा दिया गया है, जिसके लिए कम से कम 12 महीने की सेवा आवश्यक होगी.
अब नहीं बतानी होगी निकासी की वजह
संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, अगर कोई सदस्य विशेष परिस्थिति जैसे महामारी या प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है, तो उसे निकासी के लिए कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी. यह निर्णय दावों को अस्वीकार करने की दर को कम करेगा और सदस्यों को आसानी से राहत प्राप्त होगी.
खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने का निर्देश
हालांकि सदस्य 100% निकासी कर सकते हैं, फिर भी EPFO ने यह निर्देश दिया है कि खाते में न्यूनतम 25% राशि बनी रहनी चाहिए. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सदस्यों को 8.25% वार्षिक ब्याज मिलता रहे और रिटायरमेंट के लिए चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता रहे.
बढ़ी हुई समय सीमा
अब निकासी की प्रक्रिया पूरी तरह स्वचालित कर दी गई है. इसके लिए किसी प्रकार के दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी. समयपूर्व अंतिम निपटान की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है, जबकि पेंशन निकासी की समय सीमा 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है. इससे सदस्य बिना दीर्घकालिक बचत को नुकसान पहुंचाए अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.
विश्वास योजना और डिजिटल सुविधा
EPFO ने एक नई विश्वास योजना की शुरुआत की है, जिससे पीएफ अंशदान में देरी पर लगने वाला जुर्माना घटाकर 1% प्रतिमाह कर दिया गया है. साथ ही EPS 95 पेंशनभोगियों को अब इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के जरिए अपने घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा दी गई है, जिससे दूरदराज के इलाकों के बुजुर्गों को राहत मिलेगी.
डिजिटल युग में प्रवेश: EPFO 3.0
EPFO ने आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए EPFO 3.0 डिजिटल ढांचा लॉन्च किया है, जिसमें क्लाउड-बेस्ड सिस्टम, मोबाइल ऐप और ऑटोमैटिक क्लेम प्रोसेसिंग शामिल हैं. निवेश प्रबंधन में सुधार के लिए संगठन ने चार नए फंड मैनेजर भी नियुक्त किए हैं ताकि सुरक्षित और बेहतर रिटर्न सुनिश्चित किया जा सके.
श्रम मंत्री का भरोसा
श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि ये सभी कदम EPFO सेवाओं को पारदर्शी, तेज और सुविधाजनक बनाएंगे. इससे लाखों कर्मचारियों को तत्काल वित्तीय सहायता मिल सकेगी और उनकी सेवानिवृत्ति बचत भी सुरक्षित रहेगी.


