सस्ते होंगे घी, साबुन और स्नैक्स? GST कटौती से मिडिल क्लास को राहत की उम्मीद
महंगाई से जूझ रही आम जनता को जल्द ही राहत मिल सकती है. केंद्र सरकार जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं पर लगने वाले GST को घटाने पर विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार, रोजमर्रा के उत्पादों पर लगने वाला 12% टैक्स घटाकर 5% किया जा सकता है या फिर 12% स्लैब को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है.

GST Cut: मिडिल क्लास और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर आ सकती है. केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में अहम बदलाव करने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार, सरकार आवश्यक वस्तुओं पर लगने वाले 12% GST को घटाकर 5% करने या 12% स्लैब को पूरी तरह खत्म करने पर मंथन कर रही है.
अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा बल्कि 2017 में GST लागू होने के बाद से अब तक की सबसे बड़ी कर दर समीक्षा भी मानी जाएगी. प्रस्तावित बदलावों को लेकर अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिया जा सकता है, जिसकी संभावना इसी महीने के अंत तक जताई जा रही है.
कौन-कौन सी चीजें होंगी सस्ती?
सूत्रों के मुताबिक, 12% GST स्लैब में आने वाली अधिकांश वस्तुएं वे हैं जो आम नागरिकों की रोजमर्रा की ज़िंदगी में उपयोग की जाती हैं. इनमें घी, साबुन और स्नैक्स जैसी वस्तुएं शामिल हैं, जो खासतौर पर मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की खपत का बड़ा हिस्सा बनती हैं. यदि इन्हें 5% टैक्स स्लैब में स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इनकी खुदरा कीमतों में सीधी कमी देखी जा सकेगी. इसका असर सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा और घरेलू बजट को थोड़ी राहत मिलेगी.
12% स्लैब हो सकता है खत्म
सरकार के समक्ष दो विकल्प हैं या तो 12% GST स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए और संबंधित वस्तुओं को मौजूदा 5% या 18% स्लैब में समायोजित किया जाए, या फिर केवल जरूरी वस्तुओं को 5% दर में स्थानांतरित किया जाए. दोनों ही स्थिति में आम लोगों को आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है.
कब होगा फैसला?
GST दरों में बदलाव पर निर्णय लेने का अधिकार जीएसटी काउंसिल के पास है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं और इसमें राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं. नियमों के अनुसार, बैठक बुलाने से पहले 15 दिन का नोटिस देना होता है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि 56वीं बैठक इस महीने के अंत तक हो सकती है.
चुनावी साल में बड़ा फैसला?
चूंकि यह साल चुनाव पूर्व वर्ष है, ऐसे में सरकार का यह कदम राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है. आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में कटौती से न केवल मिडिल क्लास को राहत मिलेगी बल्कि यह महंगाई के दबाव को भी कुछ हद तक कम कर सकता है.
जीएसटी में सबसे बड़ा बदलाव?
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह 2017 में GST लागू होने के बाद से कर संरचना में सबसे बड़ा बदलाव माना जाएगा. इससे न केवल बाजार में जरूरी वस्तुओं की कीमतें घटेंगी बल्कि उपभोक्ताओं का विश्वास भी बढ़ेगा.


